उधार की सीमा घटाने पर केरल सरकार खटखटा सकती है सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
उधार की सीमा घटाने पर केरल सरकार खटखटा सकती है सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
तिरुवनंतपुरम:
राज्य की उधारी सीमा को राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के तीन फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ केरल सरकार उच्चतम न्यायालय जा सकती है।इस निर्णय के संबंध में संकेत दो बार के पूर्व सीपीआई (एम) राज्य के वित्त मंत्री थॉमस इसाक इसाक ने अपने फेसबुक पोस्ट में दिए थे। इसमें कहा गया था कि एकमात्र विकल्प कानूनी रास्ता तय करना है, क्योंकि अन्य सभी विकल्प समाप्त हो चुके हैं।
इसाक ने कहा, इस बारे में एक पत्र प्रधानमंत्री को भेजा गया था, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया स्वीकार्य नहीं है। यह संघवाद की लड़ाई है।
इशाक ने बताया, वित्त आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकते हैं, लेकिन कुछ अजीब कारणों के लिए इसे दो प्रतिशत आंका गया है और सवाल उठता है कि क्या केंद्र ऐसा कर सकता है।
मामले में सरकार ने राज्य के महाधिवक्ता से कहा है कि वे देश के सर्वोच्च कानूनी विशेषज्ञ के.के. वेणुगोपाल से राय लें।
केंद्र के साथ कानूनी विवाद ऐसे समय में आया है, जब 2016-17 में केरल का कुल ऋण 1,86,453.86 करोड़ रुपये था, जो कि वृद्धि दर्ज करते हुए 2021-22 में बढ़कर 3,35,641.15 करोड़ रुपये हो गया है।
इसाक बताते हैं कि केंद्र अनुचित तरीके से व्यवहार कर रहा है और इसे ठीक करना होगा और इसके लिए अब एकमात्र रास्ता कानूनी लड़ाई है।
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