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गुलाम नबी आजाद के घर  G-23 के नेताओं की हुई बैठक, पार्टी में बदलाव की मांग 

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का बगावती तेवर कम नहीं हो रहा है. जी-23 के नेता मुखर हैं और बैठकों का क्रम जारी है.

Updated on: 17 Mar 2022, 11:21 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का बगावती तेवर कम नहीं हो रहा है. जी-23 के नेता मुखर हैं और बैठकों का क्रम जारी है.पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद जी -23 के नेता पार्टी हाईकमान पर निशाना साध रहे हैं. गुरुवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam nabi Azad) के घर पर इनकी फिर से बैठक हुई. पिछले 24 घंटे के अंदर जी-23 की यह दूसरी बैठक थी. इसमें कपिल सिब्बल आदि के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupender Hooda) भी शामिल हुए. इस बैठक से पहले हुड्डा ने राहुल गांधी से मुलाकात की. सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने भी गुलाम नबी आजाद से फोन पर बात की है. आजाद जल्द ही सोनिया से मुलाकात कर सकते हैं.

माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कामकाज के तरीके में आमूलचूल परिवर्तन की मांग कर रहे जी-23 के ये नेता हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के फैसले से भी खुश नहीं हैं. पार्टी में फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई कांग्रेस कार्यसमिति की ये बैठक पंजाब समेत 5 राज्यों के चुनाव में पार्टी को मिली शर्मनाक हार के बाद हुई थी. इस दौरान समिति के ज्यादातर सदस्यों ने गांधी परिवार पर भरोसा जताया था और सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के इस्तीफे से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद से असंतुष्ट नेताओं के गुट जी-23 की एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं.

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बुधवार को गुलाम नबी आजाद के घर पर हुई जी-23 नेताओं की बैठक में कई ऐसे नेताओं को भी बुलाया गया था, जो जी-23 से नहीं जुड़े हैं, लेकिन पार्टी के भीतर बदलाव चाहते हैं. इस बैठक में आजाद के अलावा कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, शंकर सिंह वाघेला, शशि थरूर, एम ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजबब्बर, मणिशंकर अय्यर, पीजे कुरियन, कुलदीप शर्मा, राजेंद्र कौर, परणीत कौर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हुए थे. बैठक के बाद जी-23 ने पहली बार आधिकारिक बयान जारी किया था. कहा था कि सभी स्तरों पर सामूहिक, समावेशी नेतृत्व और निर्णय लेने के मॉडल को अपनाना कांग्रेस के लिए एकमात्र रास्ता है. ये भी कहा था कि कांग्रेस को अगर 2024 के चुनाव में बीजेपी को टक्कर देनी है तो उसे समान सोच वाली पार्टियों के साथ मिलकर एक मंच बनाना होगा.

अब इस बैठक के अगले ही दिन गुरुवार को जी-23 के नेता फिर से आजाद के घर बैठक कर रहे हैं. चुनावों में पार्टी की किरकिरी के बाद लगातार कांग्रेस की फजीहत करा रहे इन नेताओं पर अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर निशाना साधा है. लोकसभा में नेता विपक्ष रहे चौधरी ने कहा ही जब हमें एकसाथ लड़ने की जरूरत है तो ऐसे समय में कुछ नेता (जी-23) पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. अगर उनकी मंशा सही है तो वो सोनिया गांधी से बात क्यों नहीं करते. सोनिया गांधी हर कांग्रेसी से बात करने के लिए तैयार हैं.