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फ्रेंच हैमर मिसाइलों से लैस होगा तेजस, 70 किलोमीटर दूर से बंकरों को कर देगा नेस्तनाबूद

लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के लिए फ्रांस से हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर मुनिशन एक्सटेंडेड रेंज) मिसाइलों का ऑर्डर आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत रखा गया है. इन्हीं मिसाइलों को राफेल पर लैस करने के लिए किया गया था.

Updated on: 16 Nov 2021, 12:06 PM

highlights

  • IAF ने फ्रेंच हैमर मिसाइलों के साथ तेजस की मारक क्षमताओं को बढ़ाया
  • चीन के साथ चले आ रहे संघर्ष के बीच दिया हैमर मिसाइल का दिया ऑर्डर
  • बालाकोट जैसे हवाई हमले और अधिक सटीकता के साथ किए जा सकेंगे

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाते हुए भारतीय वायु सेना ने फ्रांसीसी-निर्मित हैमर मिसाइलों का ऑर्डर दिया है. इस आदेश के बाद स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस की क्षमताओं में और वृद्धि होगी. उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बीच भारत ने अपने LCA तेजस लड़ाकू जेट की क्षमताओं को बढ़ाने का फैसला किया है. इस मिसाइल के जरिये तेजस का लड़ाकू विमान 70 किमी दूर दुश्मन के बंकरों को ध्वस्त करने में सक्षम है. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस तरह की सीमाओं से दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी. हैमर मिसाइल के आने से स्वदेशी विमानों को बालाकोट जैसे हवाई हमले और अधिक सटीकता के साथ किए जा सकेंगे. राफेल विमान में भी इसी फ्रैंच हैमर मिसाइल का इस्तेमाल किया जाएगा.

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लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के लिए फ्रांस से हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर मुनिशन एक्सटेंडेड रेंज) मिसाइलों का ऑर्डर आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत रखा गया है. इन्हीं मिसाइलों को राफेल पर लैस करने के लिए किया गया था. सूत्रों ने कहा कि एक बड़े आदेश के तहत भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में करीब सौ मिसाइलों का भंडारण किया जाएगा. एक सूत्र ने कहा, फ्रांस की हैमर मिसाइलें पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लक्ष्य को निशाना बनाने की हमारी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेंगी. पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ चल रहे संघर्ष के कारण सशस्त्र बलों को इमरजेंसी शक्तियां दी गई हैं. 

भारत पहले ही दो एलसीए तेजस लड़ाकू स्क्वाड्रनों को सक्रिय कर चुका है और अगले एक से दो वर्षों में चार और प्राप्त करना चाहता है. वे निवर्तमान मिग-21 इन्वेंट्री की जगह लेंगे. एक अधिकारी ने कहा, एलसीए तेजस चीन द्वारा विकसित जेएफ-17 से कहीं बेहतर विमान है और हैमर इसे हमले की क्षमता में अपने बेड़े से और आगे ले जाएगा.

क्या है हैमर मिसाइल

हैमर मिसाइलों के आने से ऊंचे इलाकों में भी दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाना आसान हो जाएगा. चीन से बढ़ते तनाव के बीच यदि हालात युद्ध की तरफ जाते हैं, तो लद्दाख में ये मिसाइलें काफी कारगर साबित हो सकती है. हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है. वर्ष 2007 में पेरिस एयर शो में पहली बार यह मिसाइल दुनिया के सामने आई थी. तब इसका नाम आर्मेमेंट एयर सोल मोड्यूलर (AASM) था. यह फ्रेंच भाषा का नाम है. इसका हिंदी में मतलब होता है- हवा से जमीन पर निशाना साधने वाले हथियार. साल 2011 में इसका नाम बदलकर हैमर (HAMMER) कर दिया गया. हैमर का पूरा नाम है- हाइली अज़ाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज. इसे फ्रांस की कंपनी साफरान ग्रुप बनाती है. राफेल विमान का इंजन भी इसी कंपनी ने तैयार किया है.