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कौन हैं राफेल को भारत लाकर इतिहास रचने वाले विंग कमांडर मनीष सिंह

लड़ाकू विमान राफेल (Rafale) की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पर पहुंचेगी. इस मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विमानों को रिसीव करने पहुंचेंगे

Updated on: 29 Jul 2020, 04:12 PM

नई दिल्ली:

लड़ाकू विमान राफेल (Rafale) की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पर पहुंचेगी. इस मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विमानों को रिसीव करने पहुंचेंगे. साथ ही वह पायलटों से भी मुलाकात करेंगे. फ्रांस से आ रहे 5 राफेल विमान फिलहाल यूएई के एयरबेस पर मौजूद हैं. यह सुबह करीब 11 बजे यूएई से भारत के लिए उड़ान भरेंगे. इनके दोपहर 2 बजे अंबाला पहुंचने की संभावना है.

इसी के साथ इन राफेल विमानों को उड़ाने वाले विंग कमांडरों का नाम भी अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. राफेल विमानों को लेकर आने वाले पायलटों में से एक विंग कमांडर मनीष सिंह ने राफेल को लेकर फ्रांस से उड़ान भरी है. इनका परिवार शुरू से ही फौजी रहा है. मनीष सिंह बलिया के बांसडीह के छोटे से गांव में बकवां के रहने वाले हैं इनके पिता मदन सिंह स्वयं थल सेना से अवकाश प्राप्त जवान है.

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जानकारी के मुताबिक मनीष ने गांव में कक्षा छठवी तक पढ़ाई की. इसके बाद उनकी आगे की पढ़ाई करनाल के कुंजपुरा स्थित सैनिक स्कूल से हुई जहां इनके पिता सेना में सेवारत थे. वह साल 2002 में इंडियन एयरफोर्स में पायलट बने. अबांला औऱ जामनगर के बाद साल 2017-18 में वह गोरखपुर में तैनात थे. फ्रांस से राफेल की डील के बाद मनीष को ट्रेनिंग के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा. इनके साथ अन्य विंग कमांडर भी रहे. पूरी ट्रेनिंग हासिल करने के बाद मनीष सिंह अ्य विंग कंमांडरों के साथ राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत ला रहे हैं और अपने गांव का नाम रौशन कर रहे हैं.

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अंबाला एयरबेस पर विमानों की लैंडिंग से पहले स्टेशन के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. एयर फोर्स के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है. साथ ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इलाके में 4 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही है. अंबाला में मौसम खराब होने की स्थिति में बैकअप प्लान भी तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक अंबाला में अगर मौसम की समस्या उत्पन्न होती है तो राफेल विमान अंबाला एयरबेस की जगह जोधपुर एयरबेस पर लैंडिंग करेंगे. इसके लिए जोधपुर एयरबेस को बैकअप बेस के तौर पर तैयार कर लिया गया है.