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किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई चौथी बार बातचीत, केंद्र ने MSP पर दिया ये प्रस्ताव

Farmers Protest: किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई चौथी बातचीत में केंद्र ने चार फसलों की MSP का प्रस्ताव दिया है.

Updated on: 19 Feb 2024, 07:33 AM

highlights

  • किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता
  • चार फसलों पर MSP देने का केंद्र ने दिया प्रस्ताव
  • रविवार को चौथी बार हुई किसानों के बीच बातचीत

नई दिल्ली:

Farmers Protest: एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ सरकार ने रविवार को चौथे दौर की वार्ता की. देर रात तक चली इस बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों के सामने चार फसलों की एमएसपी पर पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट करने की बात कही. चंडीगढ़ में वार्ता समाप्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री पीषूय गोयल ने कहा कि सरकार ने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दालें खरीदने के लिए पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव रखा है.

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MSP पर दालें खरीदने का प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया गया है. गोयल ने कहा कि किसान नेता सरकार के प्रस्तावों पर अपने निर्णय के बारे में सोमवार तक जानकारी देंगे. उन्होंने कहा कि, "हमने सहकारी समितियों एनसीसीएफ और नाफेड को एमएसपी पर दालें खरीदने के लिए किसानों के साथ पांच साल का समझौता करने का प्रस्ताव दिया है."
बता दें कि हरियाणा और पंजाब के किसान फसलों के एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली कूच के लिए हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर रुके हुए हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्रियों के साथ हुई किसानों की वार्ता

बता दें कि रविवार देर शाम केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थिति महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में किसानों के साथ वार्ता की. इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए. बैठक रात करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुई. इससे पहले केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को बातचीत हुई थी, लेकिन ये तीनों मुलाकातें बेनतीजा रहीं.

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ये हैं किसानों की मांगें

बता दें कि किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक सप्ताह से डटे हुए हैं. किसानों दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं. किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के साथ-साथ, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग पर अड़े हुए हैं.

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