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आर्मी कमांडरों की चार दिवसीय बैठक शुरू, चीन के साथ लंबे समय से तनाव पर चर्चा

बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ लंबे समय से बने तनाव, जम्मू कश्मीर की स्थिति और सुरक्षा से जुड़े दूसरे मुद्दों पर इस बैठक में समीक्षा होगी.

Updated on: 27 Oct 2021, 05:03 PM

highlights

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी कमांडरों की बैठक को संबोधित किया
  • 25 से 28 अक्टूबर तक चलेगी आर्मी कमांडरों की बैठक
  • आर्मी कमांडरों की बैठक साउथ ब्लॉक में हो रही है

 

नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दिल्ली में आर्मी कमांडरों (Army  Commanders' Conference) की बैठक को संबोधित किया. आर्मी कमांडरों की बैठक साउथ ब्लॉक (South Block) में हो रही है. भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों की चार दिनों तक चलने वाली बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ लंबे समय से बने तनाव, जम्मू कश्मीर की स्थिति और सुरक्षा से जुड़े दूसरे मुद्दों पर इस बैठक में समीक्षा होगी. कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख में चीन बॉर्डर पर संवेदनशील एरिया की स्थिति के अलावा जम्मू कश्मीर में हाल के दिनों में बढ़े आतंकी हमलों को लेकर भी बैठक में खासतौर से चर्चा होनी है.

25 से 28 अक्टूबर तक चलने वाली इस बैठक को लेकर सेना का कहना है कि - भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा और उभरते सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन करेगा ताकि सीमा के हालात और कोविड महामारी की चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना की भविष्य की कार्रवाई तय हो सके. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नेवी प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और थलसेना अध्यक्ष एमएम नरवणे भी इसमें शामिल होंगे. ये 2021 का सेना के कमांडरों का दूसरा शीर्ष स्तरीय आयोजन है. ये साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है.

पूर्वी सेना के कमांडर ने चीनी सेना की गतिविधियों पर जताई थी चिंता

पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने हाल ही में सीमा पर चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि चीनी सेना सीमा पर अपनी हरकतें जिस तरह से बढ़ा रही है, उसको देखते हुए हमने भी सर्विलांस को बढ़ाया है. चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एक रणनीतिक मॉडल के तहत सीमा के पास आई है, जिसकी वजह से भारत की सेना भी ज्यादा सतर्कता बरत रही है. पीएलए जो अपना वार्षिक अभ्यास करती है, उसमें भी इजाफा हुआ है.

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बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर करीब डेढ़ साल से टकराव की स्थिति है. कई बार ये कम हो जाता है तो कई बार हालात तनावपूर्ण हो जाते हैं. बीते साल जून में तो गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए एक टकराव के बाद युद्ध जैसे हालात हो गए थे.