प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान दिवस पर आज का दिन सलाम करने का दिन है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश के कई नेताओं ने हमें भारत का संविधान देने के लिए मंथन किया. अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि हम महात्मा गांधी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लड़ने वाले सभी लोगों को भी श्रद्धांजलि देते हैं. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो देते हैं तो संवैधानिक भावना आहत होती है. पीएम ने कहा कि वंशवादी दल संविधान के प्रति प्रतिबद्ध लोगों के लिए चिंता का विषय है.
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मोदी ने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के वंशवादी राजनीतिक दलों को देखिए, यह लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी एक परिवार द्वारा पीढ़ियों से चलाई जाती है और पूरी पार्टी प्रणाली एक परिवार के साथ है तो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे दूरदर्शी महानुभावों का नमन करने का है. पीएम ने कहा कि आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है और आज पूज्य बापू को भी नमन करने का भी दिन है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के आंदोलन में जिन-जिन लोगों ने बलिदान दिया, उन सबको भी नमन करने का आज दिन है.
26/11 पर बलिदानियों को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं. आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया. हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. पीएम ने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए.
अंबेडकर ने देश को बड़ा नजराना दिया
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा कि इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अंबेडकर ने इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें.
उन्होंने कहा कि एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है जिससे भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है. पीएम ने परिवारवाद पर निशाना साधा और कहा कि यह लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है.
राजनीतिक दलों के लोकतांत्रिक कैरेक्टर खोने से संविधान की भावना को चोट पहुंची
पीएम ने कहा कि इससे संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं. पीएम ने कहा कि जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं. अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो.
HIGHLIGHTS
- पीएम ने आज संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया
- मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लड़ने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी
- पीएम मोदी ने बिना नाम लिए कांग्रेस समेत लालू और मुलायम परिवार बोला तीखा हमला