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कोरोना से जंग में भारत को मिला रूसी हथियार, स्पूतनिक-V वैक्सीन की पहली खेप भारत पहुंची

रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik-V) की पहली खेप आज भारत पहुंच चुकी है. भारत के पास कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीन पहले से थी. वहीं स्पूतनिक-V की पहली खेप आने के बाद से भारत के पास अब तीन वैक्सीन हो गई हैं.

Updated on: 01 May 2021, 09:47 PM

highlights

  • स्पूतनिक-वी की पहली खेप भारत पहुंची
  • अब भारत के पास 3 कोरोना वैक्सीन हो गईं
  • 91.6 प्रतिशत प्रभावी है स्पूतनिक-वी वैक्सीन

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के खिलाफ जंग में भारत (India) तेजी से संसाधन जुटा रहा है. दुनिया के तमाम देश इस काम में उसकी मदद भी कर रहे हैं. इस कड़ी में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-वी (Sputnik-V) की पहली खेप आज भारत पहुंच चुकी है. भारत के पास कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीन पहले से थी. वहीं स्पूतनिक-V की पहली खेप आने के बाद से भारत के पास अब तीन वैक्सीन हो गई हैं. इस तीन वैक्सीन के चलते टीकाकरण (Vaccination) की रफ्तार अब और तेज हो जाएगी. बता दें कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है. 

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ट्रायल में कारगर रही थी 'स्पूतनिक-V'

शुरुआत में इस वैक्सीन की क्षमता पर सवाल खड़े किए गए, मगर बाद में जब इस साल फरवरी में ट्रायल के डाटा को 'द लांसेट' में पब्लिश किया गया तो इसमें इस वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभाली बताया गया. दरअसल कोविड-19 के रूसी टीके 'स्पूतनिक-वी के तीसरे चरण के परीक्षण में यह 91.6 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है और कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया. 'द लांसेट' जर्नल में प्रकाशित आंकड़ों के अंतरिम विश्लेषण में यह दावा किया गया है. अध्ययन के ये नतीजे करीब 20,000 प्रतिभागियों से एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित हैं. इसके दो महीने बाद अप्रैल महीने में भारत में रूसी कोरोना टीके 'स्पूतनिक वी' के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई.

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कैसे अन्य वैक्सीन से अलग है स्पूतनिक-V

रूसी कोविड वैक्सीन स्पूतनिक-V, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तरह ही एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है. मगर किसी भी अन्य कोरोना वैक्सीन के विपरीत, स्पूतनिक-वी वैक्सीन की दोनों खुराक एक दूसरे से अलग होती हैं. स्पूतनिक वी की दोनों खुराकों में अलग-अलग वैक्टरों का उपयोग सार्स-कोव-2 के स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करने के लिए किया गया है. बता दें कि सार्स-कोव-2 ही कोरोना वायरस का कारण बनता है. वैक्सीन की प्रकृति में भी स्पूतनिक वी की दो खुराक एक ही टीका के थोड़े अलग संस्करण हैं और इसका उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लंबी सुरक्षा प्रदान करना है.