Firecrackers Ban: केजरीवाल सरकार के फैसले पर 'सुप्रीम' मुहर, पटाखा बैन के खिलाफ मनोज तिवारी की याचिका खारिज

Firecrackers Ban : पटाखों पर बैन के खिलाफ भाजपा नेता मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. SC ने मनोज तिवारी की अर्जी को खारिज करते हुए इस मामले में दखल देने से मना कर दिया है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
supreme court

Supreme Court( Photo Credit : File Photo)

Firecrackers Ban : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर लगे बैन पर सियासत तेज है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार के फैसले पर 'सुप्रीम' मुहर लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पटाखों पर लगे बैन के खिलाफ भाजपा नेता मनोज तिवारी की याचिका को खारिज कर दिया है. SC ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इनकार कर दिया और मनोज तिवारी को नसीहत देते हुए कहा कि जहां पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध नहीं हैं वहां जाकर पटाखे छोड़ सकते हैं. 

Advertisment

यह भी पढ़ें : G20 Summit: आज अपने वतन नहीं लौट पाए कनाडा पीएम ट्रूडो, सामने आई ये बड़ी वजह

सुप्रीम कोर्ट ने अभी दिल्ली एनसीआर समेत कुछ राज्यों में पटाखों की ब्रिकी पर पूरी तरह लगी रोक में दखल देने से इनकार कर दिया है. मनोज तिवारी की ओर से वकील शंशाक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने मामला उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर जैसे कुछ राज्यों ने पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. ग्रीन पटाखों की भी इजाजत नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सरकार राज्य के स्थानीय हालात के मद्देनजर पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाती है तो वो लगा सकती है. इसमें कोर्ट अपनी ओर से दखल नहीं देगा. अगर आप पटाखे छोड़ना ही चाहते हैं तो ऐसे राज्य में जाइये, जहां पटाखों पर बैन नहीं है. आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल ने दीपावली में बढ़ने वाले प्रदूषण का हवाला देते हुए एक बार फिर पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और प्रयोग पर पूरी तरह रोक लगी दी है.

जानें केंद्र सरकार ने क्या कहा?

देश में पटाखों पर बैन लगाने के मामले में केंद्र सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने जो प्रोटोकॉल बनाया है उसे सभी पक्षों को दिया जा चुका है. इसके मुताबिक सिर्फ ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत की बात कही गई है. एएसजी ने कहा कि ग्रीन पटाखों के लिए रिसर्च और परीक्षण में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने आगे कहा कि पटाखों की क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित करने के लिए उत्पादों की क्यूआर कोडिंग लागू की गई है. हम ट्रैनिंग और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चला रहे हैं. अब तक 1000 से अधिक निर्माताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. हर तीन साल में एक टेक्निकल कमेटी द्वारा उत्सर्जन के मानकों की समीक्षा की जाएगी.

इस पर जस्टिस बोपन्ना ने केंद्र सरकार से पूछा कि त्योहारों के सीजन के दौरान जब बड़े पैमाने पर इसकी बिक्री और उपयोग होता है तो उस समय इस नियम को लागू करने के लिए क्या कोई मैकेनिज्म मौजूद है? वहीं, एएसजी भाटी ने कोर्ट को बताया कि हमने प्रोटोकॉल की एक लिस्ट बनाई है. इसमें सीएसआईआर नीरी के साथ पटाखा निर्माताओं का ऑनलाइन पंजीकरण, अधिकृत एजेंसियों द्वारा क्यूआर कोडिंग, रेंडम चेकिंग की व्यवस्था भी शामिल है.

यह भी पढ़ें : मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले बुलाई सर्वदलीय बैठक, जानें क्या है वजह

जस्टिस बोपन्ना ने पूछा कि नियम तोडने वालों के लिए जुर्माना क्या है? एएसजी भाटी ने कहा कि लाइसेंस रद्द करने और निलंबन करने का भी प्रावधान है. जस्टिस बोपन्ना ने पूछा कि सैंपल इकट्ठा करने के लिए कौन अधिकृत है? एएसजी भाटी ने बताया कि हमने सिस्टम बनाया है उसमें सभी को जोड़ा गया है ये ज्यादा सख्त प्रोटोकॉल है. मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत में ही गुणवत्ता नियंत्रण और जांच की जाएगी. ये सुनश्चित किया जाएगा कि ग्रीन पटाखे ही हों.

Source : News Nation Bureau

manoj tiwari Firecracker Ban fire cracker ban in delhi supreme court fire cracker ban in delhi fire cracker ban
      
Advertisment