logo-image

सेना में महिला अफसरों को भी मिलेगा स्थायी कमीशन, रक्षा मंत्रालय से मिली मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को सरकार की ओर से जारी किए गए स्वीकृति पत्र के बाद महिला अफसरों के लिए यह मंजूरी दी. रक्षा मंत्रालय की इस मंजूरी के बाद अब सेना में विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती हो पाएगी.

Updated on: 23 Jul 2020, 04:43 PM

नई दिल्‍ली:

केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिलाओं के स्थायी कमीशन देने के लिए अब आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को सरकार की ओर से जारी किए गए स्वीकृति पत्र के बाद महिला अफसरों के लिए यह मंजूरी दी. रक्षा मंत्रालय की इस मंजूरी के बाद अब सेना में विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती हो पाएगी. इस आदेश के अनुसार, शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) की महिला अधिकारियों को अब भारतीय सेना के सभी दस हिस्सों में स्थायी कमीशन की इजाजत रक्षा मंंत्रालय से मिल गई है.

सरकार के इस आदेश के बाद अब ऑर्मी ऑफीसर, ऑर्मी एविएशन, एयर डिफेंस, इंटेलिजेंस कॉर्प्स, सिग्नल इंजीनियर,आर्मी सर्विस कॉर्प्स,  इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स  में भी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन मिल पाएगा. इसके साथ-साथ आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स और जज एंड एडवोकेट जनरल में भी महिला अफसरों को ये सुविधाएं मिल सकेंगी. 

रक्षा मंत्रालय के इस आदेश के बाद अब जल्द ही परमानेंट कमीशन सेलेक्शन बोर्ड की ओर से महिला अफसरों की तैनाती की जा सकेगी. सेना मुख्यालय द्वारा इसके लिए कई अन्य एक्शन लिए गए हैं. सेलेक्शन बोर्ड की ओर से सभी SSC महिलाओं की ओर से ऑप्शन और सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने पर एक्शन शुरू किया जाएगा. हालांकि, ये नियुक्तियां अभी कॉम्बेक्ट ऑपरेशन में नहीं की जाएंगी, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में इसे अलग रखा था.

यह भी पढ़ें-LAC विवाद में वायुसेना कमांडर लेवल की बैठक जारी, राजनाथ सिंह ने की IAF की तारीफ

आपको बता दें कि भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना की सभी महिला अधिकारियों को देश की सेवा करने का मौका देने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस स्थायी कमीशन को भारतीय सेना काफी समय पहले से ही मांग कर रही थी. आपको बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की सुनवाई हुई थी, जहां कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस बात के लिए फटकार भी लगाई थी. 

यह भी पढ़ें-लद्दाख में पीछे नहीं हट रहा चीन, सर्दियों के लिए राशन जुटा भारतीय सेना भी तैयार

सुप्रीम कोर्ट ने इस कमीशन को बनाने के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने का समय दिया था. अदालत की ओर से फरवरी महीने में इस ऐतिहासिक फैसले को सुनाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि सभी नागरिकों को अवसर की समानता, लैंगिक न्याय सेना में महिलाओं की भागीदारी का मार्गदर्शन करेगा.