LAC विवाद में वायुसेना कमांडर लेवल की बैठक जारी, राजनाथ सिंह ने की IAF की तारीफ

भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन को पहले दिन संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिये राष्ट्र का संकल्प अडिग है

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Rajnath

राजनाथ सिंह( Photo Credit : फाइल)

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध की प्रतिक्रिया में भारतीय वायुसेना द्वारा अग्रिम ठिकानों पर अपने संसाधनों की त्वरित तैनाती को लेकर भारतीय वायुसेना की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि बालाकोट में उसके हमले और मौजूदा युद्धक तैयारियों ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है. भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों के तीन दिवसीय सम्मेलन को पहले दिन संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिये राष्ट्र का संकल्प अडिग है और देश के लोगों को अपनी सशस्त्र सेनाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है. सिंह ने उस पेशेवर अंदाज के बारे में भी बात की जिससे वायुसेना ने पिछले साल पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था और बीते कुछ महीनों में परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने में वायुसेना की सक्रिय प्रतिक्रिया की सराहना की.

Advertisment

रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, उन्होंने कहा कि जिस पेशेवर तरीके से वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमला किया और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अग्रिम ठिकानों पर वायुसेना के संसाधनों की त्वरित तैनाती की गई उससे विरोधियों को कड़ा संदेश गया. उन्होंने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिये राष्ट्र का दृढ़ संकल्प लोगों का अपनी सशस्त्र सेनाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा होने से अडिग है. सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिये जारी प्रयासों का भी उल्लेख किया और वायुसेना से किसी भी चुनौती को संभालने के लिये तैयार रहने को कहा.

यह भी पढ़ें-लेह पहुंचे राजनाथ सिंह ने कहा-मुझे इन बहादुर और साहसी सैनिकों पर गर्व है

वायुसेना रणनीतिक खतरों के मुकाबले के लिए तैयारः भदौरिया
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना अल्पकालिक और रणनीतिक खतरों के मुकाबले के लिये तैयार है और सभी इकाइयां विरोधियों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुकाबला करने के लिये समान रूप से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बलों की तैनाती और तैयारी सुनिश्चित करने में सभी कमानों की त्वरितता सराहनीय है. उन्होंने अल्पकालिक सूचना पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने की स्थिति के लिये तैयारी पर जोर देने की जरूरत बताई. रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में प्रौद्योगिकी में बदलाव के लिये वायुसेना की भूमिका को भी स्वीकार किया. उन्होंने नैनो प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र जैसे उभरती क्षमताओं को भी अपनाने के बारे में बात की.

यह भी पढ़ें-भारत-चीन विवाद पर बोले राजनाथ सिंह, कहां तक हल होगा...इसकी गारंटी नहीं 

29 जुलाई को भारतीय हवाई सेना के बेड़े में शामिल हो सकता है राफेल
मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने कमांडरों को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बलों की सभी आवश्यकताएं, चाहे वित्तीय हों या किसी अन्य तरह की, पूरी की जाएंगी. सम्मेलन में भारतीय वायुसेना के कमांडर देश की वायु रक्षा प्रणाली की गहन समीक्षा करेंगे जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे की लद्दाख क्षेत्र में तैनाती भी शामिल है. सूत्रों ने कहा कि कमांडरों के सम्मेलन का मुख्य मुद्दा पूर्वी लद्दाख में संपूर्ण स्थिति पर चर्चा और सभी संवेदनशील क्षेत्रों, जिसमें चीन से लगने वाली अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड से लगने वाली सीमा भी आती हैं, में वायुसेना की युद्धक तैयारियों को बढ़ाने पर जोर देना है. सूत्रों ने कहा कि कमांडरों की बैठक में खास तौर पर करीब छह राफेल लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे की अगले महीने के शुरू में लद्दाख सेक्टर में तैनाती पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. इन लड़ाकू विमानों के 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना के युद्धक बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है.

LAC India-China Controversy rajnath-singh LAC Controversy iaf
      
Advertisment