किसानों के समर्थन में आई टैक्सी यूनियन, मांगें ना मानी तो 2 दिन बाद होगा चक्का जाम
यूनियन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर ने कहा कि वे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें दो दिन का समय दे रहे हैं. भुल्लर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री से अपील करते हैं कि वे इन कानूनों को वापस लें. कॉर्पोरेट सेक्टर हमें बर्बाद कर रहा
नई दिल्ली:
ऑल इंडिया टैक्सी यूनियन (All India Taxi Union) ने चेतावनी दी है कि अगर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो वे हड़ताल पर जाएंगे। युनियन के अध्यक्ष ने इसकी जानकारी दी. यूनियन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर ने कहा कि वे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें दो दिन का समय दे रहे हैं. भुल्लर ने कहा कि हम प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री से अपील करते हैं कि वे इन कानूनों को वापस लें. कॉर्पोरेट सेक्टर हमें बर्बाद कर रहा है.
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अगर दो दिनों के भीतर सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तो हम सड़क से अपने वाहनों को हटा लेंगे. हम देश के सभी चालकों से अपील करते हैं कि वे तीन दिसंबर से वाहन चलाना बंद कर दें.
कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को कोविड-19 महामारी एवं सर्दी का हवाला देते हुये तीन दिसंबर की जगह मंगलवार को ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. गौरतलब है कि हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं. केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ उनका यह धरना सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया. इन कानूनों के बारे में किसानों को आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा. तोमर ने कहा, ''कोरोना वायरस महामारी एवं सर्दी को ध्यान में रखते हुये हमने किसान यूनियनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिये आने का न्यौता दिया है.
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उन्होंने बताया कि अब यह बैठक एक दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलायी गयी है. उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है. इस बीच कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर एक दिसंबर को चर्चा के लिये आमंत्रित किया है. अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीाय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं. इससे पहले 13 नवंबर को हुयी बैठक बेनतीजा रही थी और केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने किसानों को तीन दिसंबर को दूसरे दौर की बातचीत के लिये आमंत्रित किया था ताकि तीन नये कृषि कानूनों से उपजी उनकी चिंताओं का निराकरण किया जा सके.
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