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पंजाब में किसानों ने 169 दिनों के बाद रेल पटरियों पर धरना समाप्त किया

किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सविंद्र सिंह ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों की एक बैठक के बाद रेलवे नाकाबंदी को वापस लेने का फैसला किया है.

Updated on: 11 Mar 2021, 09:40 PM

highlights

  • किसानों ने आंदोलन में तेजी लाने की नए सिरे से रणनीति तैयार की है.
  • संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई.
  • किसान यूनियनों की एक बैठक के बाद रेलवे नाकाबंदी को वापस लेने का फैसला किया है.

चंडीगढ़:

गेहूं के कटाई के मौसम को ध्यान में रखते हुए, आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अमृतसर के पास रेलवे पटरियों पर 169 दिनों तक चलने वाले सबसे लंबे विरोध प्रदर्शनों में से एक को अनिश्चकाल के लिए खत्म करने की घोषणा की. किसान अमृतसर-दिल्ली रेल लिंक पर जंडियाला गुरु गांव में धरना दे रहे थे. किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सविंद्र सिंह ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों की एक बैठक के बाद रेलवे नाकाबंदी को वापस लेने का फैसला किया है.

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30 किसान यूनियनों के सदस्यों के विपरीत, किसान मजदूर संघर्ष समिति यात्री गाड़ियों के चलाने के खिलाफ अड़ा हुआ था. उनके विरोध के कारण, ट्रेनों को तरन तारन के रास्ते अमृतसर के लिए चलाया गया. तीन कृषि कानूनों से नाराज, सैकड़ों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर 100 दिनों से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि प्रस्तावित कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए.

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दरअसल, तीनों कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली से सटे गाजीपुर, शाहजहांपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का प्रदर्शन फीका पड़ने लगा है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के अलावा भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी आंदोलन की सफलता को लेकर कितने ही दावे करें, लेकिन सच यह है कि दिल्ली की सीमाओं पर जुटे किसानों की संख्या तेजी से घटती जा रही है. गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पहले की तुलना में प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या बेहद कम है.

वहीं, दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने आंदोलन में तेजी लाने की नए सिरे से रणनीति तैयार की है. बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई. किसान नेता डॉक्टर दर्शन पॉल ने कहा कि नए कृषि कानून के खिलाफ जारी आंदोलन को 26 मार्च को 4 महीने पूरे होने जा रहे है. संगठन ने 26 मार्च को पूर्ण रूप से भारत बंद का ऐलान किया है. 15 मार्च को कॉरपोरेट विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा. इस दौरान डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस व अन्य आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दामों के खिलाफ DM और SDM को ज्ञापन देकर प्रदर्शन किया जाएगा.