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किसानों ने माना सरकार का प्रस्ताव, जल्द खत्म हो सकता है आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा कल दोपहर बारह बजे सिंघु मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा.

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Satyam Dubey
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Kisan Andolan

Kisan Andolan ( Photo Credit : File Photo)

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस करने के बाद भी किसान आंदोलन चल रहा है. इसी बीच किसानों ने सरकार के प्रस्तान को मान लिया है. मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोपहर 12 बजे किसान एकबार फिर मुलाकात करेंगे. कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से तत्काल केस वापसी की बात कही गई है. जिसके बाद गुरुवार 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक तय हुई है.  

संयुक्त किसान मोर्चा की एक प्रेस रिलीज की मानें तो, संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत सरकार से एक संशोधित मसौदा प्रस्ताव प्राप्त करने की बात स्वीकार की है. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के भीतर एक आम सहमति बन गई है. अब, सरकार के लेटरहेड पर हस्ताक्षर किए गए औपचारिक पत्र का इंतजार है. संयुक्त किसान मोर्चा कल दोपहर बारह बजे सिंघु मोर्चा पर फिर से बैठक करेगा और उसके बाद मोर्चों को हटाने के लिए औपचारिक फैसला करेगा.

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आपको बता दें कि किसान संगठन कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. अब इसे सरकार ने वापस ले लिया है.  किसान अभी न्य़ूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी चाहते हैं. वहीं किसान, आंदोलन के दौरान हरियाणा, यूपी और एमपी में किसानों पर दर्ज केस को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग ये भी है कि लाल किला हिंसा में प्रदर्शनकारियों पर दर्ज केस भी वापस लिए जाएं. 

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किसानों का कहना है कि जो लोग कृषि कानूनों की ड्राफ्टिंग में शामिल थे, उन्हें एमएसपी पर कमेटी में शामिल नहीं किया जाएगा. सिर्फ संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठनों को इसमें जगह दी जाए. इसके अलावा पहले केस वापस ले सरकार, इसके बाद आंदोलन वापस लिया जाएगा. किसानों का आगे कहना है कि सरकार सैद्धांतिक रूप से मुआवजा देने के लिए तैयार है, लेकिन जिस तरह से पंजाब सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया है, वैसे ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए.

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