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Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड पर जेडीयू-टीएमसी का अजीब जवाब, बोले- पता नहीं कौन दफ्तर में रख गया करोड़ों का चंदा

Electoral Bond: चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों ने चुनावी बॉन्ड पर दिए अजीब जवाब, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

Updated on: 18 Mar 2024, 12:11 PM

New Delhi:

Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर इन दिनों सियासी पारा हाई है. दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे को लेकर जानकारियां सार्वजनिक की जा रही हैं. इसको लेकर देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट भी सख्त नजर आ रहा है. इस बीच राजनीतिक दलों की ओर से चुनावी बॉन्ड को लेकर अजीब जवाब सामने आ रहे हैं. दरअसल हाल में चुनाव आयोग ने अलग-अलग राजनीतिक दलों की ओर से चुनावी बॉन्ड को लेकर दिए गए बंद लिफाफों को सार्वजनिक किया. इसमें पॉलिटिकल पार्टी ने कितना चंदा लिया है इसकी अहम जानकारी भी सामने आई हालांकि दलों की ओर से इन जानकारी से जुड़े जवाब हैरान करने वाले थे. 

देनदारों के नाम छिपाने के लिए दिए अजीब जवाब
राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आयोग को देनदारों के नाम नहीं बताने या फिर छिपाने के चक्कर में अजीब जवाब दिए गए हैं. टीएमसी, कांग्रेस और जेडीयू ने चुनाव आयोग को बताया कि हमें नहीं पता कौन हमारे ऑफिस में आया और कोरड़ों रुपए के बॉन्ड देकर चला गया. 

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2018-19 के बॉन्ड पर जवाब
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान आए चुनावी बॉन्ड को लेकर जनता दल यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को जानकारी दी है. हालांकि उनके जवाब चौंकाने वाले हैं. इन राजनीतिक दलों के मुताबिक उनको दान देने वाला कोई अनजान शख्स था.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की मानें तो किसी ने कोलकाता स्थित उनके दफ्तर में आकर सीलबंद चुनावी बॉन्ड रख दिए. ये किसने दिया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. टीएमसी ने कहा कि 16 जुलाई 2018 और 22 मई 2019 के बीच उनकी पार्टी को चुनावी बॉन्ड के जरिए 75 करोड़ रुपए का दान दिया गया था. 

जेडीयू ने चुनाव आयोग से क्या कहा?
वहीं जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चुनावी बॉन्ड को लेकर अजीब सा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 में 13 करोड़ में से 3 करोड़ रुपए के दानदाताओं के नाम तो हमें पता हैं, लेकिन 10 करोड़ रुपए कौन आकर दफ्तर में रख गया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. 

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