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Assembly Election 2022 : मणिपुर की सियासी लड़ाई में कौन कांग्रेस या BJP

मणिपुर में 60 विधावसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान कराना निर्धारित किया गया है.

Updated on: 11 Jan 2022, 03:47 PM

highlights

  • 60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा का चुनाव 27 फरवरी और 3 मार्च को
  • बीजेपी ने मणिपुर की सत्ता के बचाए रखने के लिएपूरी ताकत झोंक दी है
  • मणिपुर में प्रत्याशियों के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपए तय

 

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में 7 चरणों में चुनाव होगा. शुरुआत 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश से होगी. सभी राज्यों के चुनावों के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. मणिपुर में 60 विधावसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान कराना निर्धारित किया गया है. मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए गाइडलाइंस निर्धारित की है. इसमें सभी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी. राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा करनी होगी. उम्मीदवार को भी आपराधिक इतिहास बताना होगा. चुनाव आयोग ने मणिपुर और गोवा में विधानसभा प्रत्याशियों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 28 लाख रुपए तय किया है.

चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना के बीच 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में सख्त प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा. 15 जनवरी तक किसी भी तरह के रोड शो, रैली, पद यात्रा, साइकिल और स्कूटर रैली की इजाजत नहीं होगी. वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार की इजाजत होगी. जीत के बाद किसी तरह के विजय जुलूस भी नहीं निकाला जाएगा.

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मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि देश में 5 राज्यों की 690 विधानसभाओं में चुनाव कराए जाएंगे. 18.34 करोड़ मतदाता चुनाव में हिस्सा लेंगे. कोरोना के बीच चुनाव कराने के लिए नए प्रोटोकॉल लागू किए जाएंगे. सभी चुनाव कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होगी. जिन्हें जरूरत होगी, उन्हें प्रिकॉशन डोज भी लगाई जाएगी.

मणिपुर की सियासी लड़ाई में कौन

60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी 24 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप उभरी थी और कांग्रेस 17 विधायकों के साथ विपक्षी दल बनी थी. बीजेपी ने एनपीपी, एलजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाया और एन बीरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री बने थे. ऐसे में बीजेपी ने एक बार फिर से मणिपुर की सत्ता के बचाए रखने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है तो कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए बेताब है.