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अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल की हिरासत की मांग करेगा ED, सुनवाई आज

एजेंसी द्वारा यह कदम उठाए जाने की उम्मीद इसलिए हैं, क्योंकि 57 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की सीबीआई की हिरासत की अवधि बुधवार को खत्म हो जाएगी.

Updated on: 19 Dec 2018, 08:14 AM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बुधवार को शहर की एक अदालत के समक्ष क्रिस्टन मिशेल की हिरासत की याचिका दायर करेगा, जिसे इस महीने की शुरुआत में 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. सूत्रों ने यह जानकारी दी. एजेंसी द्वारा यह कदम उठाए जाने की उम्मीद इसलिए हैं, क्योंकि 57 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक की सीबीआई की हिरासत की अवधि बुधवार को खत्म हो जाएगी.  उसी दिन उसे पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के सामने आगे सुनवाई के लिए पेश किया जाएगा.

ईडी मिशेल को हिरासत में लेना चाहता है, क्योंकि वह 12 अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के खरीद के सौदे में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है.

2012 में मिशेल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में सौदा कराने और भारतीय अधिकारियों को अवैध रूप से लाभ प्रदान करने वाले तीन बिचौलियों में से एक के रूप में सामने आया था। अन्य दो बिचौलियों के नाम राल्फ गिडो हैस्के और कार्लो गेरोसा है.

विशेष न्यायाधीश ने 15 दिसंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो को 19 दिसंबर तक मिशेल से पूछताछ करने की इजाजत दी थी. सीबीआई 4 दिसंबर से मिशेल को पूछताछ कर रही है जब उसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित किया गया था.

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई को मिशेल से अधिक पूछताछ करने की जरूरत है, ताकि सौदे में किए गए अवैध भुगतान के सबूत जुटाए जा सकें.

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क्या है मामला ? 

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े इस मामले में तीन आरोपी हैं जिनमें से एक मिशेल हैं. मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है.  भारतीय जांच एजेंसियों के अनुसार, मिशेल ने अगस्ता वेस्टलैंड को हेलीकॉप्टर का ठेका दिलाने के लिए 235 करोड़ रुपये लिए थे. वह अक्सर भारत का दौरा करते थे. उन्होंने 1997 से लेकर 2013 तक 300 बार भारत के दौरे किए. 

भारत ने 1 जनवरी 2014 में अगस्ता वेस्टलैंड की सहायक कंपनी फिनमेकानिका से 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को आपूर्ति करने का सौदा रद्द कर दिया था. यह सौदा कथित तौर पर संविदा की शर्तो को तोड़ने और 423 करोड़ रुपये का रिश्वत देने के आरोपों के उजागर होने पर रद्द किया गया. सीबीआई ने 12 मार्च 2013 को मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एजेंसी का आरोप है कि त्यागी और अन्य आरोपियों ने अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलवाने में उससे रिश्वत ली थी.