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EAM Jaishankar दो दिवसीय दौरे पर जा रहे रूस, यूक्रेन पर भी होगी चर्चा

कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत-रूस इस साल वार्षिक शिखर बैठक को टाल सकते हैं. हालांकि आधिकारिक स्तर पर अभी तक दोनों ही देशों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Updated on: 03 Nov 2022, 08:37 PM

highlights

  • 7 और 8 नवंबर को रूस के दौरे पर रहेंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर
  • द्विपक्षीय मसलों समेत क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर भी होगी बातचीत
  • अगले महीने इंडोनेशिया के बाली में फिर मिल सकते हैं मोदी-पुतिन

नई दिल्ली:

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पुष्टि करते हुए कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) दो दिवसीय दौरे पर रूस (Russia) जा रहे हैं. 7 नवंबर से शुरू हो रहे इस दौरे के दौरान वह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) से मुलाकात करेंगे. इस बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों समेत क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर भी चर्चा होगी. भारत परस्पर बातचीत में यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) को संवाद और कूटनीति के जरिये सुलझाने पर भी जोर देगा. अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर उप प्रधानमंत्री और व्यापार मंत्री डेनिस मंतूरोव से भी मिलाकात करेंगे. यह दौरा शीर्ष स्तर पर नियमित होने वाले संवाद के तहत हो रहा है. एस जयशंकर इसके पहले जुलाई 2021 में रूस दौरे पर गए थे. इसके बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस साल अप्रैल में रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के दौरे पर आए थे. 

जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले हो रहा दौरा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक एस जयशंकर और सर्गेई लावरोव के बीच होने वाली बातचीत में सभी द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों और घटनाओं पर भी गहन चर्चा होगी. रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़े सवाल में अरिंदम बागची ने भारतीय पक्ष को दोहराते हुए कहा कि भारत शुरू से कहता आया है कि परस्पर संवाद और कूटनीति से ही यूक्रेन संकट का समाधान निकलेगा. उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि विदेशमंत्री एस जयशंकर अपने इस दौरे पर भी इस बात को मजबूती से उठाएंगे.  गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का रूस दौरा इंडोनेशिया में जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले हो रहा है. इसमें पूरी संभावना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन संकट पर रूस को फिर से घेरेंगे.  

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इस साल टल सकती है भारत-रूस की वार्षिक शिखर बैठक
इस बात पर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत-रूस इस साल वार्षिक शिखर बैठक को टाल सकते हैं. हालांकि आधिकारिक स्तर पर अभी तक दोनों ही देशों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस बार रूस को शिखर बैठक का आयोजन करना है. गौरतलब है कि सितंबर के मध्य में उजबेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी. अब बाली में 15-16 नवंबर को जी-20 शिखर वार्ता के दौरान दोनों में फिर मुलाकात हो सकती है. गौरतलब है कोविड महामारी के बाद पुतिन वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेने के लिए 2021 दिसंबर में भारत दौरे पर आए थे. यह कोरोना काल के बाद उनका पहला विदेश दौरा था. 

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रूस की आलोचना से बचता आ रहा है भारत
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत रूस की आलोचना करने से बचता आया है. यही नहीं, संयुक्त राष्ट्र की कई संस्थाओं में भी वह इस मसले पर मतदान से खुद को अलग रखता आया है. इसके साथ ही डिस्काउंट पर कच्चे तेल की भारत को आपूर्ति के मसले पर भी मोदी सरकार ने वैश्विक समुदाय के सामने दृढ़ता से अपनी बात रखी है कि रूस के इस प्रस्ताव पर किसी भी देश की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का हर लिहाज से सम्मान करना चाहिए. अब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब रूस-यूक्रेन रूस युद्ध को लेकर वैश्विक चिंताए बढ़ी हैं. खासकर मॉस्को के इस दावे के बाद कि कीव रूस के खिलाफ डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है.