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कोविशील्ड-कोवैक्सीन का मिक्स डोज कोरोना पर ज्यादा कारगर? DCGI ने शोध को दी मंजूरी

DCGI ने कोविड वैक्सीन मिक्सिंग की स्टडी को अनुमति दे दी है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 29 जुलाई को इस स्टडी की सिफारिश की थी.

Updated on: 11 Aug 2021, 10:19 AM

नई दिल्ली:

कोरोना को रोकने में कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) की मिक्सिंग क्या कारगर है, इसे लेकर  ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की तरफ से इस स्टडी को हरी झंडी मिल गई है. जुलाई में एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने दोनों वैक्सीन की मिक्सिंग को लेकर स्टडी की सिफारिश की थी. इससे पहले दो अलग-अलग वैक्सीन के मिश्रण को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने एक स्टडी की थी. ICMR ने कहा था कि दो कोविड वैक्सीन के मिलाने से बेहतर सुरक्षा परिणाम मिले हैं. अब स्टडी के नतीजे सकारात्मक मिलने के बाद इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है.

जानकारी के मुताबिक यह स्टडी वेल्लूर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में होगी. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 29 जुलाई को इस स्टडी की सिफारिश की थी.  इससे पहले आईसीएमआर ने भी एक स्टडी की थी. यह स्टडी उत्तर प्रदेश में हुई थी. इसमें लोगों को पहले कोविशील्ड का डोज दिया गया था. जबकि, 6 सप्ताह की अवधि के बाद दूसरे डोज के रूप में कोवैक्सीन दी गई. 

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल (ICMR) की एक स्टडी में पता चला है कि पहली डोज कोविशील्ड (Covishield) और दूसरी डोज कोवैक्सीन (Covaxin) की देने पर वायरस के खिलाफ बेहतर इम्युनिटी देखी गई है. मई और जून में की गई स्टडी में पता चला है कि एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित दो अलग-अलग वैक्सीन का कॉम्बिनेशन न सिर्फ कोरोना के खिलाफ असरदार है, बल्कि वायरस के अलग-अलग वैरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी है. स्टडी में ये भी सुझाव दिया गया है कि मिक्स वैक्सीन से न सिर्फ वैक्सीन की कमी को दूर करने में मदद मिल सकती है, बल्कि अलग-अलग वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जो गलतफहमियां और हेजिस्टेंसी है, वो भी दूर हो सकती हैं.

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स्टडी में क्या आया सामने?
इस स्टडी में 98 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें से 40 लोगों को कोविशील्ड की दोनों डोज और 40 लोगों को कोवैक्सीन की ही दोनों डोज दी गई थी. 18 लोग ऐसे थे जिन्हें पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगाई गई. स्टडी में सामने आया कि जिन लोगों को दोनों अलग-अलग डोज दी गई, उनमें कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इम्युनोजेनेसिटी प्रोफाइल काफी बेहतर दिखी. इसके साथ ही एंटीबॉडी और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी भी काफी ज्यादा थी.