भारत की यह एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल देगी चीन-पाक को करारा जवाब, DRDO की एक और कामयाबी
DRDO ने आज स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन, फायर एंड फॉरगेट मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है
highlights
- रक्षा क्षेत्र में DRDO को मिली एक और बड़ी कामयाबी
- DRDO ने MPATGM का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
- आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम
नई दिल्ली:
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज स्वदेशी रूप से विकसित कम वजन, फायर एंड फॉरगेट मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने और भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में डीआरडीओ का बड़ा कदम माना जा रहा है. इस मौके पर DRDO की ओर से कहा गया कि मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया. बताया गया कि मिसाइल (मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल) का अधिकतम सीमा तक सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया जा चुका है.
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कितनी ताकतवर है मिसाइल
मिसाइल को थर्मल साइट थर्मल साइट के साथ मैन पोर्टेबल लांचर के माध्यम से लॉन्च किया गया. डीआरडीओ ने जानकारी देते हुए कहा कि मिसाइल ने सीधे हमले मोड में टारगेट को भेद डाला और उसको सटीक रूप से नष्ट कर दिया. इसके साथ ही परीक्षण ने न्यूनतम सीमा में सफलतापूर्वक मान्यता दे दी गई. जानकारी के अनुसारर मैन पोर्टेबल मिसाइल को एक ट्रिपोड का इस्तेमाल करके लॉन्च किया गया. लॉॅचिंग के समय मिसाइल को 15 किलोग्राम वजन के साथ 2.5 किमी की अधिकतम सीमा की मारक क्षमता के साथ डिज़ाइन किया गया.
#WATCH | Defence Research & Development Organisation (DRDO) successfully flight tested indigenously developed low weight, fire & forget Man-Portable Anti-Tank Guided Missile (MPATGM) today pic.twitter.com/Rqujm2N8MO
— ANI (@ANI) July 21, 2021
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2019 से पाकिस्तान के साथ सीमा पर 250 से अधिक ड्रोन देखे गए
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और अन्य एजेंसियां एक स्वदेशी काउंटर-ड्रोन तकनीक विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं, जो जल्द ही उपलब्ध होगी. गृह मंत्री का यह बयान पिछले महीने जम्मू वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के कुछ दिनों बाद सामने आया है. 27 जून को पाकिस्तान से लगी सीमा से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित उच्च सुरक्षा हवाई अड्डे पर रात दो बजे से थोड़ा पहले हुए विस्फोटों में भारतीय वायुसेना के दो जवान घायल हो गए थे, जिन्हें मामूली चोटें आईं थी. सूत्रों के अनुसार, ड्रोन को बार-बार क्षेत्र में सैन्य प्रतिष्ठानों पर मंडराते हुए देखा गया है और 2019 से पाकिस्तान के साथ सीमा पर 250 से अधिक ड्रोन देखे गए हैं.
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