डीआरडीओ के विकसित किए गए ड्रोन को लद्दाख में तैनात करने की संभावना

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एक ड्रोन को सेना द्वारा निगरानी बढ़ाने के लिए पूर्वी लद्दाख में तैनात किये जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एक ड्रोन को सेना द्वारा निगरानी बढ़ाने के लिए पूर्वी लद्दाख में तैनात किये जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

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Yogendra Mishra
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प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एक ड्रोन को सेना द्वारा निगरानी बढ़ाने के लिए पूर्वी लद्दाख में तैनात किये जाने की संभावना है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन को जल्द ही सेना के लिए भेजा जाएगा. ‘भारत’ नामक ड्रोन डीआरडीओ की टर्मिनल बॉलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल), चंडीगढ़ द्वारा विकसित किया गया है.

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इसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी के लिए बनाया गया है. सूत्रों ने बताया कि ड्रोन वास्तविक समय की वीडियो प्रदान कर सकता है और इसमें रात्रि निगरानी की उन्नत क्षमताएं हैं. उन्होंने बताया कि इसे पूर्वी लद्दाख में तैनात किये जाने की संभावना है.

उन्होंने बताया कि इसकी तैनाती से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में निगरानी को बढ़ाया जा सकता है. जब यह पूछा गया कि सीमा के अन्य इलाकों में ड्रोन तैनात किया जा सकता है तो सूत्रों ने बताया कि सेना इस पर फैसला करेगी.

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गौरतलब है कि पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे. चीन की तरफ भी हताहत हुए हैं लेकिन उसने हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया.

Source : Bhasha

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