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जल्द खत्म होगी वैक्सीन की किल्लत, अब भारत में ही बनेगी रूसी वैक्सीन- डॉ रणदीप गुलेरिया

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जल्द ही वैक्सीन की किल्लत दूर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां ज्यादा से ज्यादा प्लांट्स लगाएंगी जिनमें वैक्सीन निर्माण का काम तेजी के साथ किया जाएगा.

Updated on: 15 May 2021, 01:05 PM

highlights

  • वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां लगा रहीं ज्यादा से ज्यादा प्लांट्स
  • स्पुतनिक-वी ने निर्माण के लिए भारत में कई कंपनियों के साथ करार किया

नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर ने देश में इस कदर कोहराम मचाया कि अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाओं की भारी किल्लत देखने को मिली. इस महामारी को मात देने के लिए वैक्सीनेशन का तीसरा चरण भी शुरू हो गया है, जिसमें 18 से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगवाने की इजाजत मिल चुकी है. लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण कई राज्यों में अभी भी युवाओं को वैक्सीन नहीं मिल पा रही है. वैक्सीन की कमी को लेकर राजनीति भी खूब हो रही है. विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर विदेशी मुल्कों को वैक्सीन बेंचने का आरोप लगा है. इस बीच एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जल्द ही वैक्सीन की किल्लत दूर हो जाएगी. 

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डॉ गुलेरिया ने कहा कि लगभग 2 महीने के अंदर ही टीके बड़ी मात्रा में उपलब्ध हो जाएंगे. उन्होंने बताया कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां ज्यादा से ज्यादा प्लांट्स लगाएंगी जिनमें वैक्सीन निर्माण का काम तेजी के साथ किया जाएगा. इससे वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम बाहर से भी वैक्सीन मंगवाएंगे. उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी भी भारत में अपनी वैक्सीन का निर्माण करेगी. 

डॉ गुलेरिया ने कहा कि स्पुतनिक ने निर्माण के लिए भारत में कई कंपनियों के साथ करार किया है. कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक का निर्माण भारत में अधिक से अधिक विनिर्माण संयंत्रों द्वारा किया जाएगा. भारत बायोटेक और एसआईआई द्वारा भी नए संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं. जुलाई-अगस्त तक हमारे पास बड़ी संख्या में वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि लगभग 2 महीने के समय में टीके बड़ी मात्रा में उपलब्ध हो जाएंगे क्योंकि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अपने विनिर्माण संयंत्र खोलना शुरू कर देंगी. और वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होगी.

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डॉ गुलेरिया ने कहा कि हम एक या दो या एक महीने में सभी का टीकाकरण नहीं कर पाएंगे. इसलिए मुझे लगता है कि हमें 2-3 या 4 महीने बाद युवाओं के लिए नियुक्ति देने की रणनीति विकसित करनी चाहिए और धीरे-धीरे रणनीति पर काम करना चाहिए कि अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाया जा सके. उन्होंने कहा कि मेरा अब भी मानना है कि कॉमरेडिटीज और मरने की संभावना को देखते हुए #COVID19 कॉमरेडिटीज और बुजुर्गों के साथ बहुत अधिक है. हमें जल्द से जल्द उनका टीकाकरण करने की कोशिश पर ध्यान देना चाहिए और बड़ी आबादी को भी देखना चाहिए जिन्हें श्रेणीबद्ध तरीके से टीका लगाया जा सकता है.