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NTAGI के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोडा का बयान, कोविशील्ड में गैप बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक आधार पर 

कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड की दो खुराकों के बीच समय बढ़ाए जाने को लेकर एनटीएजीआई के चेयरमैन डॉ. एनके अरोडा ने बड़ा बयान दिया है

Updated on: 15 Jun 2021, 11:22 PM

highlights

  • कोविशिल्ड की दो खुराकों के बीच समय बढ़ाए जाने को लेकर डॉ. एनके अरोडा ने बड़ा बयान दिया
  • दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर और पारदर्शी तरीके से लिया
  • दो खुराकों के बीच देने से इम्यून सिस्टम विकसित करने में  60 से 80 प्रतिशत काफी मदद मिली हेै

नई दिल्ली:

कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच समय बढ़ाए जाने को लेकर एनटीएजीआई के चेयरमैन डॉ. एनके अरोडा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर और पारदर्शी तरीके से लिया गया था. उन्होंने कहा कि एनटीएजीआई के संदस्यों के बीच इस पॉइंट को लेकर कोई असहमति नहीं थी.  अरोडा ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया रहा है. इनमे एक कोवैक्सीन जो पूरी तरह स्वदेशी है, जबकि दूसरी कोविशील्ड जो एस्ट्राज़ेनेका लाइसेंस पर काम कर रही हेै. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बीच में गैप रखने से उनके प्रभाव में भारी अंतर देखने को मिला है. गैप देने से इम्यून सिस्टम विकसित करने में 60 से 80 प्रतिशत काफी मदद मिली हेै.

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दो खुराक के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की सिफारिश की थी

आपको बता दें कि इससे पहले डॉक्टरों ने टिप्पणी की कोविशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक (डोज) के बीच के अंतर को पहले के 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करना एक उचित ²ष्टिकोण है और इससे वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. डॉ. एन. के. अरोड़ा की अध्यक्षता वाले कोविड वकिर्ंग ग्रुप ने कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की सिफारिश की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस सिफारिश को स्वीकार भी कर लिया है. कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपू टी. एस. ने आईएएनएस से कहा, '' टीके की प्रभावकारिता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. वैक्सीन की पहली खुराक द्वारा विकसित प्रतिरक्षा स्मृति लंबे समय तक रहने की संभावना होगी.

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वैक्सीन को शुरूआत में 4-6 सप्ताह के अंतराल पर देना निर्धारित किया गया था

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से निर्मित वैक्सीन को शुरूआत में 4-6 सप्ताह के अंतराल पर देना निर्धारित किया गया था. हालांकि इस साल अप्रैल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर इसमें संशोधन करके 6-8 सप्ताह का अंतराल घोषित किया गया. दोनों सिफारिशें, जिनमें खुराक के अंतराल में संशोधन की बात कही गई थी, वे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में किए गए परीक्षणों पर आधारित थीं, जिसमें 17,178 प्रतिभागी शामिल हुए थे.