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हर्षवर्धन का राहुल गांधी पर तंज- अहंकार, अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं

कोविड टीकाकरण अभियान पर टिप्पणी करने के लिए विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए, डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा था कि राज्यों को अपने टीकाकरण अभियान की बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है

Updated on: 02 Jul 2021, 08:22 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि अहंकार और अज्ञानता के वायरस का कोई टीका नहीं है. कांग्रेस नेता के ट्वीट का हवाला देते हुए,डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "कल ही, मैंने जुलाई महीने के लिए टीके की उपलब्धता पर तथ्य रखे. राहुल गांधी जी की समस्या क्या है? क्या वह नहीं पढ़ते हैं? क्या उन्हें समझ में नहीं आता है? अहंकार और अज्ञानता के वायरस के लिए कोई टीका नहीं है! कांग्रेस को नेतृत्व में बदलाव के बारे में सोचना चाहिए."गांधी ने अपने ट्वीट में कहा था, 'जुलाई आ गई, वैक्सीन नहीं आई. टीके कहां हैं.'

राज्यों को अपने टीकाकरण अभियान की बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता

कोविड टीकाकरण अभियान पर टिप्पणी करने के लिए विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए, डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा था कि राज्यों को अपने टीकाकरण अभियान की बेहतर योजना बनाने की आवश्यकता है. डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "राज्यों को जुलाई के लिए कोविड -19 वैक्सीन आपूर्ति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया है. यह जानकारी 15 दिन पहले राज्यों के साथ साझा की गई थी, साथ ही कुल 12 करोड़ खुराक की दिनवार आपूर्ति के बारे में विवरण दिया गया था, जो जुलाई में उपलब्ध कराया जाएगा. निजी अस्पताल की आपूर्ति इससे ज्यादा होगी."

उन्हें शासन पर ध्यान देने की जरूरत है

विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए डॉ हर्षवर्धन ने आगे कहा, "अगर ये नेता इन तथ्यों से अवगत हैं और अभी भी इस तरह के बयान दे रहे हैं, तो मैं इसे सबसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं. अगर वे नहीं जानते हैं, तो उन्हें शासन पर ध्यान देने की जरूरत है. फिर से राज्य के नेताओं से अनुरोध करेंगे कि योजना बनाने में ज्यादा ऊर्जा खर्च करें, न कि दहशत पैदा करने में." इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर नए सिरे से निशाना साधा और पूछा कि इसके प्रसार को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कोई परीक्षण क्यों नहीं किया जा रहा है.