10-10 मिनट में बिल पास हुए, विपक्ष विरोध भी नहीं करे तो क्या करे : डोला सेन
10-10 मिनट में बिल पास हुए, विपक्ष विरोध भी नहीं करे तो क्या करे : डोला सेन
नई दिल्ली:
पिछले दिनों पूरे शीतकालीन सत्र में निलंबित टीएमसी से राज्यसभा सांसद डोला सेन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि पूरे शीतकालीन सत्र में 10-10 मिनट में बिल पास हुए। विपक्षी दल के नेता हताशा में रुलबुक न फेंके तो क्या करें। पेश हैं डोला सेन से बातचीत के कुछ अंश-सवाल -केंद्र सरकार के खिलाफ आपने पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदर्शन किया, धरना दिया-मार्च किया। आपकी क्या मांगें थीं सरकार से?
जवाब- हम बहुत दुखी हैं और बहुत शर्मिदा भी हैं कि गृह राज्य मंत्री की गाड़ी लेकर उनके बेटे ने कुछ किसानों को कुचल दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। (कुत्ते-बिल्ली की तरह कुचल कर मारा) ये हम नहीं बोल रहे, एसआईटी को जो रिपोर्ट आई उसमें कहा गया। इसमें एक पत्रकार की भी मौत हो गई। सरकार से इस मामले में कार्रवाई करते हुए गृह राज्य मंत्री को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। हम अब सुप्रीम कोर्ट से भी उनको निलंबित करने की मांग करते हैं और दोनों पिता-पुत्र पर कार्यवाही की जाए।
सवाल- राज्यसभा में पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान आप निलंबित रहीं, अब इस पर क्या प्रतिक्रिया है आपकी?
सवाल- हम स्लोगन देते हैं संघर्ष के लिए निर्माण करो और निर्माण के लिए संघर्ष करो। हम काम करना चाहते हैं, जनता के मुद्दे उठाना चाहते हैं। लेकिन ये सत्ता पक्ष हमको मौका नहीं देता है। 10 मिनट में सदन में बिल पास करा लिए गए। विपक्ष के संसदों को बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। इसलिए हमको सदन में अपनी आवाज उठाने के लिए हंगामा करना पड़ता है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी किसानों के मुद्दे को, आम जन के मुद्दे को सदन के बाहर भी उठा रही हैं।
सवाल- ऐसे कौन से मुद्दे थे। जिनको टीएमसी सदन में उठाना चाहती थी।
जवाब- लेबर कॉड का मुद्दा, किसानों का मुद्दा, महिलाओं का मुद्दा, फोरेन प्राईवेटाइजेशन जैसे कई मुद्दों को हम उठाना चाहते थे। पश्चिम बंगाल और असम से जुड़े कई मुद्दे थे जिन्हे सत्र में उठाना जरूरी था। टीएमसी पूर्वोत्तर हिंसा के मामले पर विस्तार से चर्चा करना चाहती थी, लेकिन शीतकालीन सत्र में ऐसा नहीं हो पाया।
सवाल - सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक फेंक दी। उनके इस व्यवहार पर कार्रवाई करते हुए स्पीकर ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। आपका क्या कहना है?
जवाब- हमने बिल के पास करने के तरीके पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। जिस तरह से किसान बिल पास करवाया गया था, उसी तरीके से यह बिल भी पास करवाया जा रहा था। हताशा में ये कदम उठाया गया था।
सवाल- चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक 2021 को शीतकालीन सत्र में पारित कर दिया गया। टीएमसी इसका लगातार विरोध करती रही आखिर क्यों?
जवाब- तृणमूल कांग्रेस, सरकार के चुनाव सुधारों का विरोध नहीं कर रही है, लेकिन इस बात का विरोध कर रही है कि इन सुधारों के पहले सरकार को तमाम विपक्षी दलों से सलाह मशविरा कर लेना चाहिए था। सरकार की मंशा आगामी यूपी चुनाव को लेकर सही नहीं है और वह चाहती है कि चुनावी प्रदेशों के एक बड़े वर्ग को मतदान से दूर रखा जाए।
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