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स्वास्थ्य सूचकांक में पहले नंबर पर केरल, सीपीआईएम ने की सराहना

स्वास्थ्य सूचकांक में पहले नंबर पर केरल, सीपीआईएम ने की सराहना

Updated on: 27 Dec 2021, 11:30 PM

नई दिल्ली:

भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने केरल की स्वास्थ्य सुविधाओं की सराहना की है। पार्टी के अनुसार उत्कृष्टता हासिल करना केरल राज्य की आदत में शुमार हो चुका है।

नीति आयोग ने सोमवार को जारी किये गए हेल्थ इंडेक्स में केरल के पहले स्थान पर रहने पर भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इसकी प्रशंसा की है। आयोग के अनुसार दूसरे नंबर तमिलनाडु रहा, तीसरे नंबर पर तेलंगाना रहा। वहीं, स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में सबसे आखिरी में उत्तर प्रदेश और बिहार हैं। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के मामले में छोटे राज्यों में मिजोरम पहले पायदान पर रहा। वहीं दूसरे नंबर पर त्रिपुरा और नागालैंड सबसे आखिरी पायदान पर रहा। नीति आयोग के अनुसार केंद्र शासित प्रदेशों में दादर नगर हवेली पहले और दूसरे नंबर पर चंडीगढ़ है। हालांकि, दिल्ली 5वें नंबर पर है।

नीति आयोग की इस रिपोर्ट को लेकर सीपीआईएम ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, इन आंकड़ों के बाद भी बीजेपी की सरकार अपने प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के चेहरों के साथ ये विज्ञापन देखे जा सकते हैं। जबकि देश में स्वास्थ्य सेवाओं के खस्ता हालात हैं, खासतौर पर उत्तर-प्रदेश 18 वें पायदान पर है।

रिपोर्ट को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, वाइस चेयरमैन डॉ राजीव कुमार, अतिरिक्त सचिव डॉ. राकेश सरवाल और विश्व बैंक की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ शीना छाबड़ा ने संयुक्त रूप से जारी किया। रिपोर्ट को विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निकट परामर्श से नीति आयोग द्वारा विकसित किया गया है।

इस मसले पर अमिताभ कांत ने कहा, इस सूचकांक के माध्यम से हमारा उद्देश्य न केवल राज्यों के ऐतिहासिक प्रदर्शन बल्कि उनके वृद्धिशील प्रदर्शन को भी देखना है। उन्होंने कहा कि सूचकांक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और क्रॉस-लनिर्ंग को प्रोत्साहित करता है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.