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'असहमति देशद्रोह नहीं' पूर्व सैनिकों ने लिखा पीएम मोदी को मॉब लिंचिंग के खिलाफ पत्र

100 से अधिक सेना के रिटायर्ड सैनिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलितों और मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की है।

Updated on: 31 Jul 2017, 01:24 PM

नई दिल्ली:

100 से अधिक सेना के रिटायर्ड सैनिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलितों और मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की है। उन्होंने इसे डर और भय का माहौल करार दिया है।

पत्र में कहा है, 'हमने देश की सुरक्षा के लिये अपना जीवन दिया है।हम सब किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं है और हमारा एक ही मकसद है कि हम देश के संविधान का सम्मान करें।'

'हम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते..... हमारी अनेकता ही हमारी शक्ति है। मतभेद देशद्रोह नहीं हो सकता है। सच कहें तो ये लोकतंत्र का मूलतत्व है।'

सैनिकों का ये पत्र तब आया है जब एक महीने पहले ही दिल्ली में मुस्लिम युवा जुनैद की भीड़ ने हत्या की थी और उसके बाद देश भर में प्रदर्शन हुए थे।

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पत्र में कहा है, 'हम नॉट इन माई नेम' जैसे अभियान का गम समर्थन करते हैं, जिसमें भय, डर और घृणा के मौजूदा माहौल के खिलाफ देश के हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया था। जो भी इस वक्त देश में हो रहा है वो संविधान और सेना जिसके लिये खड़ी होती है उसके खिलाफ है। हम हिंदू धर्म की रक्षा करने वाले तथाकथित स्वयंभू रक्षकों की हिसा के गवाह बन रहे हैं।'

साथ ही पत्र में कहा गया है, 'मुस्लिम और दलितों को निशाना बनाए जाने की हम निंदा करते हैं...... मीडिया संस्थानों, व्यक्तियों, सिविल सोसाइटी ग्रुप, विश्वविद्यालयों, पत्रकारों और बुद्धिजीवियों के बोलने की आज़ादी पर हो रहे हमले और उन्हें राष्ट्रविरोधी करार दिये जाने की भी निंदा करते हैं।'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गोरक्षा के मान पर हो रहे हमलों की निंदा की था और कहा था, 'गौ रक्षा के नाम पर लोगों की हत्या करना स्वीकार नहीं की जा सकती है।'

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