भारत-रूस के बीच नहीं प्रभावित होंगे व्यापारिक रिश्ते, निकाला जा रहा तोड़
फिलहाल भारत के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भी यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा करने वाले वोट से देश को दूर रखा है.
highlights
- यूक्रेन पर हमले के बाद बदल गए सारे परिदृश्य
- व्यापार के लिए रुपया भुगतान तंत्र पर विचार कर रहा है भारत
- और भी देशों द्वारा भविष्य में रूस पर लगाए जा सकते हैं प्रतिबंध
नई दिल्ली:
India on Russia Ukraine War : भारत और रूस के बीच लंबे समय से गहरे रिश्ते रहे हैं, लेकिन हाल ही में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद सारे परिदृश्य बदल गए हैं. इस बीच भारत सरकार रूस के साथ व्यापार के लिए रुपये के भुगतान के लिए एक तंत्र तैयार करने के तरीकों पर विचार कर रही है. कथित तौर पर सरकार यूक्रेन पर उसके आक्रमण को लेकर रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के प्रभाव से निपटने के लिए इस तरह के तंत्र पर विचार कर रही है. संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित अन्य प्रमुख देशों ने अब तक रूस पर प्रतिबंधों की घोषणा की है. इनमें से कुछ रूसी राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों को भी निशाना बनाया गया है और प्रमुख मुद्राओं में लेनदेन करने की देश की क्षमता को प्रतिबंधित किया है.
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एक बैंकिंग अधिकारी के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि केंद्र सरकार इस बात पर गौर कर रही है कि क्या वह रूसी बैंकों और कंपनियों को व्यापार लेनदेन को निपटाने के लिए भारतीय सरकारी बैंकों के साथ खाता खोलने के लिए कह सकती है. इस चर्चा में शामिल एक बैंकिंक सूत्र ने कहा, 'रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई बढ़ने की स्थिति में रूस पर काफी अधिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, तो उस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए यह एक अग्रिम पहल है. उन्होंने कहा, 'प्रतिबंधों की स्थिति में हम डॉलर्स में लेनदेन नहीं कर पाएंगे और इसलिए एक रूपया खाता खोलने का प्रस्ताव रखा गया है. इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. सूत्र ने कहा कि ऐसे खातों में रखा फंड दो देशों के बीच व्यापार के आदान-प्रदान के लिए भुगतान की गारंटी के रूप में कार्य करता है, जबकि पार्टियां एक-दूसरे से वस्तुओं की अदला-बदली करती हैं.
फिलहाल भारत के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भी यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा करने वाले वोट से देश को दूर रखा है. उन्होंने यह कहते हुए उचित ठहराया है कि बातचीत ही विवादों को हल करने का एकमात्र तरीका है. मोदी सरकार एक और व्यवस्था भी तलाश रही है, जिसमें भुगतान का एक हिस्सा विदेशी मुद्रा के माध्यम से हो सकता है और दूसरा हिस्सा भारत में स्थित रुपये खातों के माध्यम से हो सकता है. रॉयटर्स ने बैंकिंग और सरकारी अधिकारियों का हवाला देते हुए यह बताया है.
रुपये में भुगतान करने की योजना
हालांकि अतीत में भी, भारत ने मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस के साथ वैकल्पिक भुगतान विकल्पों का उपयोग किया है. अगस्त 2019 में एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी ने कहा था कि भारत मास्को को एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के लिए रुपये में भुगतान करेगा. मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी 2023 में शुरू होने की उम्मीद है. भुगतान का तरीका भारतीय मुद्रा में होगा. यह बात भारत में रूस के व्यापार प्रतिनिधि यारोस्लाव तरास्युक ने कहा था जब रूस ने डिलीवरी की पुष्टि की थी. दिल्ली में रूसी दूतावास में मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने भी उस समय कहा था, हमें अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को खत्म करने के तरीके खोजने की जरूरत है. अमेरिकी डॉलर दुनिया भर में अविश्वसनीय है. इस बीच यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बीच भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति व्यवधानों से खुद को बचाने के लिए ईरान को लंबी अवधि के यूरिया सौदे के लिए रुपये में भुगतान करने की योजना बना रही है.
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