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दिल्ली के अस्पतालों में अब सिर्फ होगा स्थानीय लोगों का इलाज, जानें क्यों

कोरोना वायरस Covid-19 के बढ़ते मामलों के बीच अब संभावना है कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ स्थानीय लोगों का ही इलाज हो. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से गठित पांच डॉक्टरों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है.

Updated on: 06 Jun 2020, 06:24 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस Covid-19 के बढ़ते मामलों के बीच अब संभावना है कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ स्थानीय लोगों का ही इलाज हो. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से गठित पांच डॉक्टरों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी है और उन्होंने राजधानी में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं का इस्तेमाल दिल्ली वासियों के लिए ही किए जाने की बात की है.

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ऐसे में अब बाहर से इलाज के लिए दिल्ली आने वाले लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है. कमेटी ने सरकार को कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में यदि बाहरी मरीजों को इलाज के लिए आने दिया गया तो यहां पर मौजूद सभी बेड 3 दिन के अंदर भर जाएंगे.

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इसके साथ ही चिकित्सकीय ढांचा भी इसका भार नहीं उठा सकेगा. आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1 जून को राजधानी के बॉर्डर सील करने को लेकर दिल्ली की जनता से सुझाव मांगे थे. वहीं 2 जून को उन्होंने विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया था.

CM ने लगाया निजी अस्पतालों पर आरोप

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवा ने दो टूक लहजे में कहा कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना मरीजों का इलाज करना ही होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि इलाज से इनकार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मरीजों को एडमिट करने के नाम पर पैसा वसूली के मामले सामने आने के बाद सीएम ने यह चेतावनी दी है. सीएम ने कहा कि कुछ ही अस्पताल हैं जो ऐसे काले कारोबार में लगे हैं. अधिकतर निजी अस्पताल ठीक तरीके से काम कर रहे हैं.