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सावरकर के लेखक विक्रम को HC से राहत, अमेरिकी इतिहासकार को झटका

लेखक विक्रम संपत के खिलाफ एक अप्रैल तक ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की मानहानि संबंधी सामग्री नहीं प्रकाशित करने संबंधी रोक लगाई गई.

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Nihar Saxena
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Vikram Sampath

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि लेखक की छवि को नुकसान पहुंचा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी इतिहासकार ऑद्रे ट्रस्के तथा अन्य पर स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी के लेखक विक्रम संपत के खिलाफ एक अप्रैल तक ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की मानहानि संबंधी सामग्री नहीं प्रकाशित करने संबंधी रोक लगाई है. दरअसल ट्रस्के और अन्य इतिहासकारों ने रॉयल हिस्टोरीकल सोसायटी को एक पत्र भेजकर संपत के खिलाफ सावरकर की जीवनी से संबंधित सामग्री की चोरी का आरोप लगाते हुए इस मामले में उनके खिलाफ आपत्तिजनक ट़्वीट किए थे.

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सोशल मीडिया पर खिलाफ छापने से रोक
इसी मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'मेरे विचार से प्रथम द्वष्टया एक मामला बनता है और जिस प्रकार से वह पत्र लगातार प्रकाशित किया जा रहा है उससे याचिकाकर्ता की छवि को नुकसान हुआ है. इस मामले में अगर अभी कोई रोक नहीं लगाई गई तो उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हो सकता है. इसी वजह से अगली सुनवाई तक ट्वीटर तथा अन्य किसी भी तरह के सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने पर रोक लगाई जाती है.'

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मामले की सुनवाई 1 अप्रैल को
न्यायालय ने हालांकि इस मामले में ट्वीटर के खिलाफ कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है और मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी. इस मामले में संपत ने तीन इतिहासकारों के खिलाफ मानहानि का वाद दायर करते हुए दो करोड़ हर्जाना दिए जाने की बात कही है. इन इतिहासकारों ने आरोप लगाया था कि संपत ने सावरकर की दो खंड़ों में प्रकाशित जीवनी के लिए ऐतिहासिक तथ्यों तथा सामग्री की चोरी की है. इस मामले में पत्रकार अभिषेक बख्शी, प्रोफेसर अशोक स्वैन, ट्वीटर और केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है.

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सावरकर पर तथ्यों को लिखने पर छिड़ा दुष्प्रचार अभियान
संपत ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठ और उन्हें बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं तथा उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने सावरकर के बारे में तथ्यों को उचित प्रकार से सामने रखने का साहस दिखाया है.

HIGHLIGHTS

  • अदालत ने कहा लेखक की छवि को नुकसान पहुंचा
  • विक्रम ने तीन इतिहासकारों पर ठोंका मानहानि केस
  • अमेरिकी इतिहासकार के थे सामग्री चोरी करने के आरोप
Audrey Truschke Defamation Suite अमेरिकी इतिहासकार मानहानि Veer Sawarkar वीर सावरकर विक्रम संपत American Hostorian Delhi High Court ऑद्रे ट्रस्के Vikram Sampath
      
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