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दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश- लक्ष्मी पुरी के खिलाफ सभी ट्वीट 24 घंटे में डिलीट करें साकेत गोखले

इसी महीने 8 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ तथ्यों की जांच करने या किसी सरकारी अधिकारी से संपर्क किए बिना अपमानजनक ट्वीट करने पर कार्यकर्ता साकेत गोखले से सवाल-जवाब किया.

Updated on: 13 Jul 2021, 01:01 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी द्वारा सोशल वर्कर साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने साकेत गोखले को 24 घंटे में सभी ट्वीट डिलीट करने जा आदेश दिया है. इसके साथ ही साकेत गोखले के खिलाफ मानहानि का केस भी चलता रहेगा. साथ ही कोर्ट ने यह भी  कहा कि अगर वो डिलीट नहीं करते तो ट्विटर इन ट्वीट्स को हटाए. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि गोखले लक्ष्मी पुरी के खिलाफ कोई नया ट्वीट नहीं करेंगे.  

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लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले के खिलाफ अवमानना की की याचिका दाखिल की है. लक्ष्मी पुरी ने अपनी याचिका में गोखले के ट्वीट को डिलीट करने और 5 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की गई है. दरअसल साकेत गोखले ने ट्वीट किया था कि पुरी ने स्विट्जरलैंड में कुछ संपत्ति खरीदी और ट्वीट में पुरी के पति और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का भी जिक्र किया था.

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इससे पहले लक्ष्मी पुरी की ओर से साकेत गोखले को ट्ववीट हटाने के लिए कानूनी नोटिस भी भेजा गया था लेकिन उन्होंने ट्वीट को हटाने से साफ इनकार कर दिया था. इसी मालमे में 8 जुलाई को साकेत से कोर्ट ने सवाल भी पूछा था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सम्मान के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर स्वीकार किया गया है और गोखले से पूछा कि वो कैसे किसी व्यक्ति को बदनाम कर सकते हैं, खासतौर पर उनके द्वारा ट्वीट करके जो प्रथमदृष्टया असत्य है.   

लक्ष्मी पुरी ने आरोप लगाया कि गोखले ने जो ट्वीट किए हैं वे झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, अपने आप में मानहानिकारक हैं और उनके तथा उनके परिवार के खिलाफ निंदात्मक, अपमानजनक वक्तव्य या लांछन हैं.

अदालत ने मुख्य वाद में गोखले को समन भी जारी किए और उन्हें चार हफ्ते के भीतर लिखित जवाब देने का निर्देश दिया. मामले को अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है.