दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के ओखला औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माण का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर बुधवार को उपराज्यपाल (एलजी), दिल्ली पुलिस के कार्यालय सहित अन्य को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने अन्य प्रतिवादियों- दिल्ली राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) के अध्यक्ष और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से भी जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को तय की।
अदालत इस मामले में एक पत्र को जनहित याचिका माना। याचिका में कहा गया है कि न्यायिक आदेशों के बावजूद अधिकारियों ने अवैध निर्माण नहीं हटवाया। इसमें आगे बताया गया है कि सार्वजनिक भूमि और सड़क पर अवैध कब्जा के कारण निवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
याचिका में कहा गया है कि तेखंड गांव ओखला फेज-1 के दायरे में आता है, जो इस समय डीएसआईआईडीसी के नियंत्रण और रखरखाव के अधीन नहीं है और उनका कार्यालय ओखला फेज-3 औद्योगिक क्षेत्र की केवल आंतरिक सड़कों का रखरखाव करता है और मुख्य सड़कों के रखरखाव का जिम्मा उनका नहीं है, जिन पर डीटीसी बसें चलती हैं।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि एलजी के साथ पूर्व में हुई बैठक के ब्योरे के अनुसार, यह नोट किया गया था कि संबंधित नगर निगमों को डीएसआईआईडीसी और दिल्ली पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में आम क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS