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किसान आंदोलन( Photo Credit : फाइल फोटो)
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राजधानी दिल्ली में महामारी कोरोनावायरस को कोहराम जारी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण के लिए कई जरूरी कदम उठा रहे हैं. वहीं बढ़ते कोरोना मामले के इस दौर में किसानों का आंदोलन जारी हैं.
किसान आंदोलन( Photo Credit : फाइल फोटो)
राजधानी दिल्ली में महामारी कोरोनावायरस को कोहराम जारी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण के लिए कई जरूरी कदम उठा रहे हैं. वहीं बढ़ते कोरोना मामले के इस दौर में किसानों का आंदोलन जारी हैं. हालांकि दिल्ली-मेरठ हाईवे पर लगी बैरिकोडिंग को हटा दिया गया है. इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर पर रविवार देर रात दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाले रास्ते को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है. बता दें कि प्रशासन किसानों से लगातार इस रास्ता को खोलने की मांग कर रहे थे. रास्ता बंद होने के कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
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भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले रास्ते की तीन लेन को खोला गया है. किसानों के आह्वान के बाद ही पुलिस ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाली सभी लेन अभी भी बंद हैं और यहां पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है.
वहीं बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत शनिवार को भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत करने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. दरअसल हर माह की 17 तारीख को भाकियू मुख्यालय सिसौली में मासिक पंचायत की जाती है. चौधरी नरेश टिकैत ने बताया कि "सिसौली में होने वाली मासिक पंचायत किसान आंदोलन जारी रहने तक गाजीपुर बार्डर पर ही होगी."
नरेश टिकैत ने यहां पहुंचकर सबसे पहले किसानों की शहादत की यादगार 'अमर ज्योति' पर जाकर देशी घी चढ़ाकर मत्था टेका और फिर अपने पिता और भाकियू के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की तस्वीर को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया.
इस दौरान भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि, "दिल्ली में बैठी सरकार कुछ सरमायेदारों के हित में काम कर रही है और इसी के फेर में किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है. यदि ऐसा ना होता तो पांच माह तक इस देश के किसान सड़कों पर न पड़े रहते. इतना लंबा समय हो गया है, अब तक कुछ ना कुछ सुनवाई होनी चाहिए थी. किसान दिल्ली के चारों तरफ आंदोलनरत हैं यहां तक कि उपवास पर रह कर अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं."
15 अप्रैल को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला के द्वारा देश के प्रधानमंत्री को किसानों के हित में लिखे गए पत्र की सराहना करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि, "ईश्वर करे इस पत्र का सकारात्मक नतीजा निकले. अगर सरकार की कोई मजबूरी है तो हमें बताने का कष्ट करें, हो सकता है उस समस्या का समाधान हमारे पास ही हो, लेकिन चुप बैठ कर सरकार अपना मजाक बनवा रही है."
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