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अरुणाचल जाएंगे दलाई लामा, तवांग की मांग पर चीन को भारत का जवाब

केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने की वजह से उन्हें देश के किसी भी हिस्से में जाने से नहीं रोका जा सकता है।

Updated on: 03 Mar 2017, 05:34 PM

नई दिल्ली:

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर चीन के विरोध को भारत सरकार ने नजरअंदाज कर दिया है। चीन की घुड़की पर सरकार ने कहा है कि दलाई लामा एक धार्मिक यात्रा के लिए अरुणाचल प्रदेश जा रहे हैं।

केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा, 'एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने की वजह से उन्हें देश के किसी भी हिस्से में जाने से नहीं रोका जा सकता है।' विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने भारत के इस फैसले को भड़काऊ बताते हुए कहा है, 'इससे दोनों देश के बीच संबंध में कड़वाहट आएंगे।' वहीं दूसरी तरफ दलाई लामा के अरुणाचल दौरे को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है, 'दलाई लामा एक धर्मगुरु के तौर पर अरुणाचल प्रदेश जा रहें है इसलिए उन्हें रोकने का कोई कारण नहीं है। रिजिजू के मुताबिक दलाई लामा एक धर्मगुरु हैं और उनसे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता।'

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चीन के विरोध की सबसे बड़ी वजह ये है कि वो अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी भाग को तिब्बत का हिस्सा मानता है। इसी वजह से वो उसपर कई बार अपना दावा भी पेश कर चुका है। इसी कारण अरुणाचल प्रदेश में दलाई लामा के आने की बात से चीन नाराज है।

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यूएन के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन के आतंकी मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने में बाधक बनने और एनएसजी में भारत की सदस्यता का विरोध करने पर पहले से ही दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है।

दलाई लामा को चीन काफी पहले अपने देश से निर्वासित कर चुका है। दलाई लामा को तिब्बत में लोग भगवान की तरह पूजते हैं।

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