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चीन के दावों के बीच राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में LAC पर देंगे बयान

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल के अप्रैल से जारी सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनावपूर्ण माहौल चल रहा है. दोनों देशों के बीच वरिष्ठ कमांडर स्तर की 9 दौर की वार्ता होने के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला है.

Updated on: 10 Feb 2021, 11:48 PM

नई दिल्ली:

पूर्वी लद्दाख में पिछले साल के अप्रैल से जारी सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच तनावपूर्ण माहौल चल रहा है. दोनों देशों के बीच वरिष्ठ कमांडर स्तर की 9 दौर की वार्ता होने के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. इसे लेकर अब केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गुरुवार को राज्यसभा में बयान देंगे. संसद में राजनाथ सिंह बताएंगे कि पूर्वी लद्दाख में वर्तमान समय में कैसे हालात हैं. रक्षा मंत्रालय के ऑफिस ने बुधवार को इसकी जानकारी दी. हालांकि, इससे पहले चीन ने दावा है कि चीनी और भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील से पीछे हटना शुरू किया.

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चीन ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने बुधवार से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. हालांकि भारत ने अब तक इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने बुधवार को एक लिखित बयान में कहा कि भारत और चीन के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है.

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप यह कदम उठाया गया है. 16 घंटे की लंबी मैराथन नौवें दौर की सैन्य वार्ता के बाद, दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विवादित सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सीमावर्ती सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर जोर देने के लिए सहमत हुए हैं.

भारत और चीन द्वारा सीमा विवाद को सुलझाने और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सैनिकों को कम करने के लिए 16 घंटे की मैराथन सैन्य वार्ता आयोजित करने के बाद भारत के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. यह मोल्दो में कॉर्प्स कमांडर के स्तर का नौवां दौर था.

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दोनों देशों के कोर कमांडरों की वार्ता सकारात्मक रही थी. एक संयुक्त बयान के जरिए वार्ता को दोनों देशों ने सकारात्मक, व्यावहारिक और रचनात्मक करार दिया था और कहा था कि इससे आपसी समझ-बूझ बढ़ी है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह नौंवें दौर की बातचीत थी और पहली बार इस बातचीत में इतना सकारात्मक रुख दिखा था. दोनों पक्षों के बीच एलएसी के पास सैनिकों की वापसी को लेकर बेहद स्पष्टता से और गहराई से विमर्श हुआ है. दोनों पक्ष इस पर भी सहमत हैं कि जिन मुद्दों पर सहमति बनी है, उसे वे अपने नेताओं को सूचना देंगे और बातचीत का इस बेहतर सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे.

साथ ही दोनों पक्ष सहमत हुए कि कोर कमांडरों की 10वें दौर की बातचीत भी जल्द ही की जाएगी, ताकि सैन्य वापसी का काम तेज हो सके. वहीं दोनों पक्षों ने इस बात पर रजामंदी दिखाई है कि सीमा पर तैनात सैनिकों की तरफ से संयम बनाए रखने की कोशिश जारी रखेंगे, ताकि एलएसी पर स्थिति को स्थिर व नियंत्रण में रखा जा सके. भारत और चीन के बीच एलएसी के कई हिस्सों पर पिछले 10 महीनों से गतिरोध बना हुआ है.

  • HIGHLIGHTS
  • पूर्वी लद्दाख में अब भारत-चीन के बीच कम होगा तनाव
  • चीन ने दावा- चीनी और भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील से पीछे हटना शुरू किया
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में बोलेंगे