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गहलोत सरकार पर मंडराता खतरा! आखिर किसके हाथ में है इस 'ऑपरेशन' की कमान? हुआ खुलासा

दिल्ली के राजनैतिक क्षेत्रों में एक चौंकाने वाली चर्चा चली है. सोमवार को दिल्ली में पायलट द्वारा अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी ज्वॉइन करने की चर्चा है. हालांकि पायलट ने पहले बीजेपी ज्वॉइन करने से इनकार किया था.

Updated on: 12 Jul 2020, 04:26 PM

नई दिल्ली/जयपुर:

राजस्थान (Rajasthan) में असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी क्यों, आखिर किसके हाथ में है इस सारे ऑपरेशन की कमान ? क्या सचिन पायलट केवल अपने बलबूते कर रहे ये सब कुछ या फिर इस पूरे ऑपरेशन का रिमोट कंट्रोल है भाजपा के हाथ. ये ऐसे सवाल हैं जो राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच लोगों के बीच उठ रहे हैं. लेकिन अब सचिन पायलट (Sachin Pilot) कैंप से जुड़े सूत्रों ने इससे जुड़ा थोड़ा बहुत खुलासा कर दिया है. सचिन पायलट कैंप से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि दिल्ली और जयपुर में बीजेपी नेताओं से भी बातचीत चल रही है, लेकिन इस बारे में अभी तक कुछ भी तय नहीं हो पाया है. सूत्रों के कहा, 'कल दिन में जेपी नड्डा-सचिन के मुलाकात की संभावना थी, लेकिन कल देर रात तक नड्डा और पायलट में कोई मुलाकात नहीं हुई. हो सकता है कि फोन पर या किसी सूत्र के मार्फत पायलट कैंप हो भाजपा के संपर्क में है.'

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सूत्रों का कहना है, 'दूसरी तरफ इन विधायकों के अहमद पटेल के मार्फत सोनिया से समय मांगने की चर्चा है. यदि सब कुछ है पहले से तय तो सोनिया गांधी से मिलकर ये विधायक क्या करेंगे? और यदि कांग्रेस के अंदर पायलट कैंप को राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की उम्मीद है ? तो फिलहाल इसकी कतई कोई संभावना नहीं है.' सूत्रों के मुताबिक, ज्यादा से ज्यादा पायलट को गृह विभाग और मंत्रिमंडल फेरबदल में उनके कुछ और समर्थकों को जगह मिल सकती है. लेकिन फिर पीसीसी में शायद पायलट नहीं रह पाएंगे. इसलिए अब कुल मिलाकर पायलट को कांग्रेस से अब ज्यादा उम्मीद नहीं रही है. ऐसे में अब आखिर क्या करेंगे पायलट? इन सारे सवालों के जवाब अगले 48 घंटों में मिलेंगे.'

उधर, अब गहलोत भी नए समीकरणों पर "गुणा भाग" कर रहे हैं. इसलिए नए PCC चीफ के साथ ही मंत्रिमडंल फेरबदल जल्द हो सकता. गहलोत ने आलाकमान को अपने प्रस्ताव दे दिए हैं. इस पर अब आलाकमान को फैसला करना है. अलबत्ता अविनाश पांडे लगातार सोनिया के संपर्क में हैं. सोनिया को पांडे पल-पल की जानकारी दे रहे हैं.

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सूत्रों के अनुसार, इस घमासान से कांग्रेस आलाकमान में नाराजगी है. वह मौजूदा संकट में पायलट के रुख से नाराज है. जिसके बाद आलाकमान ने सचिन पायलट को कल गुरुग्राम में विधायकों की बाड़ेबंदी की खबरों का खंडन करने और कांग्रेस आलाकमान में सार्वजनिक रूप से अपनी निष्ठा और विश्वास व्यक्त करने की सलाह दी थी, लेकिन आज सुबह तक पायलट का कोई 'रेस्पॉन्स' नहीं आया है.' इसी बीच पायलट कैंप के विधायकों द्वारा सोनिया से 'टाइम' मांगने की चर्चा थी, लेकिन पायलट के 'पुअर रेस्पॉन्स' को देखते हुए आलाकमान ने कड़ा रुख अपनाया है. सूत्रों का कहना है कि पायलट कैंप के दिल्ली आए विधायकों से सोनिया-राहुल नहीं मिलेंगे. कुल मिलाकर पायलट और कांग्रेस आलाकमान के बीच दूरियां बढ़ रही हैं.'

इसी बीच दिल्ली के राजनैतिक क्षेत्रों में एक चौंकाने वाली चर्चा चली है. सोमवार को दिल्ली में पायलट द्वारा अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी ज्वॉइन करने की चर्चा है. हालांकि पायलट ने पहले बीजेपी ज्वॉइन करने से इनकार किया था. इसी बीच जयपुर में गहलोत ने आलाकमान को पायलट को पीसीसी चीफ से हटाने और तुरंत मंत्रिमंडल फेरबदल किए जाने का सुझाव दिया है. लेकिन गहलोत के प्रस्ताव पर अभी तक आलाकमान ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. सोनिया गांधी-अहमद पटेल-अविनाश पांडे फिलहाल 'वेट एंड सी' के मूड में हैं. बहरहाल, राजस्थान में तेजी से बदलते इस घटनाक्रम में अब अगले 48 घंटे काफी महत्वपूर्ण होंगे.

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