Buddhism को खत्म करने के लिए Mao की पॉलिसी अपना रहा चीन: दलाई लामा
चीन माओ जेडॉन्ग की पुरानी क्रूरता फिर से शुरू कर देगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था. अब शीर्ष तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने चीन पर यही आरोप लगाया है कि वो बौद्ध धर्म को खत्म करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह माओ जेडॉन्ग...
highlights
- दलाई लामा ने चीन की आलोचन की
- बौद्ध धर्म को नष्ट करने की कोशिश में चीन
- माओ जेडॉन्ग की पॉलिसी अपना रहा चीन
नई दिल्ली:
Dalai Lama slams China for adopting Mao Zedong's policy against Tibetan Buddhism: चीन में धर्म को समाज का दुश्मन बता दिया गया है. कम से कम चीनी कम्युनिष्ट पार्टी का संविधान यही कहता है और उसकी राजनीति इसी के इर्द गिर्द घूमती है. चीन में तिब्बती बौद्धों के साथ क्या हुआ, और क्या हो रहा है, वो सबकुछ दुनिया के सामने है. चीन में मुसलमानों की क्या हालत है, ये भी दुनिया से छिपी नहीं है. लेकिन चीन माओ जेडॉन्ग ( Mao Zedong ) की पुरानी क्रूरता फिर से शुरू कर देगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था. अब शीर्ष तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ( Tibetan spiritual leader the Dalai Lama ) ने चीन पर यही आरोप लगाया है कि वो बौद्ध धर्म को खत्म करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह माओ जेडॉन्ग ( Idea of Mao Zedong ) की क्रूर पॉलिसी को फिर से अपना चुका है. हालांकि वो अपनी बुरी कोशिशों को अपनाने के बाद भी सफल नहीं हो पाएगा.
बौद्धों पर अत्याचार कर रहा है चीन
दलाई लामा ने कहा कि चीन में कम्युनिष्टों की पॉलिसी रही है कि वो बौद्ध धर्म को जहर मानते हैं. वो बौद्ध स्थलों को नष्ट कर रहे हैं. वो बौद्ध धर्म को मानने वालों पर अत्याचार कर रहे हैं. बौद्ध धर्म की मुख्य जगहों को वो हानों से भर रहे हैं. शनिवार को सभा में दलाई लामा ने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता को लेकर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि चीन में बदलाव हो रहा है. लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं. मुझे भी प्यार देते हैं. लेकिन नव चीनी नेतृत्व फिर से माओ जेडॉन्ग की क्रूर पॉलिसी को अपना रहा है, जिसमें बौद्धों का बड़े पैमाने पर दमन किया गया था. तिब्बत पर कब्जा जमा लिया गया था और लाखों तिब्बती बौद्धों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
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बोध गया में चल रहा तीन दिवसीय कार्यक्रम
बता दें कि बिहार के गया में बौद्ध धर्म का तीन दिवसीय विशेष शिक्षण शिविर चल रहा है. इस शिविर का आयोजन बोध गया के कालचक्र ग्राउंड में हो रहा है, जिसमें दुनिया के कोने कोने से बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग पहुंचे हैं. साल के पहले दिन दलाई लामा ने सभी श्रद्धालुओं के स्वस्थ और सुखी जीवन की कामना की. इस दौरान सभी श्रद्धालुओं ने दलाई लामा की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की. इसके अलावा तिब्बत से आए विशेष कलाकारों ने डांस भी किया. दलाई लामा के अनुवादक कैलाश ने बातचीत में कहा कि दलाई लामा ने रविवार को किसी भी देश की बुराई नहीं की. उन्होंने सिर्फ धर्म की शिक्षा दी और विश्व के कल्याण की कामना की. कैलाश ने बताया कि दलाई लामा पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
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