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माओवादियों से संबंध मामले में डीयू प्रोफेसर जी एन साईबाबा को उम्र कैद, गढ़चिरौली कोर्ट ने पाया दोषी

माओवादियों के साथ कथित संबंध रखने के मामले गढ़चिरौली कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के प्रोफेसर जी एन साईंबाबा समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अन्य आरोपी विजय तिर्के को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।

Updated on: 07 Mar 2017, 11:18 PM

highlights

  • गढ़चिरौली की अदालत ने माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में डीयू प्रोफेसर जीएन साईबाबा समेत 5 अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई
  • साईबाबा के अलावा कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्विविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा, पूर्व पत्रकार प्रशांत राही और दो अन्य लोगों को भी उम्र कैद की सजा सुनाई है 

New Delhi:

माओवादियों के साथ कथित संबंध रखने के मामले गढ़चिरौली कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के प्रोफेसर जी एन साईंबाबा समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अन्य आरोपी विजय तिर्के को 10 साल कैद की सजा सुनाई है।

साईबाबा के अलावा कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्विविद्यालय के छात्र हेम मिश्रा, पूर्व पत्रकार प्रशांत राही और तीन अन्य लोगों को दोषी करार दिया है। अन्य तीन दोषी करार दिए गए लोग महेश तिर्की, पांडु नारोटे और विजय तिर्की हैं। 

नौ मई, 2014 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीएन साईबाबा को माओवादियों के साथ संबंध रखने के आरोप में महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

उनकी गिरफ्तारी के वक्‍त पुलिस ने दावा किया था कि साईबाबा को प्रतिबंधित संगठन भाकपा-माओवादी का कथित सदस्य होने, उन लोगों को साजो सामान से समर्थन देने और भर्ती में मदद करने के आरोप में पकड़ा गया था।  सभी दोषियों को यूएपीए की धारा 13, 18, 20, 38 औऱ 39 के तहत दोषी करार दिया गया है। साईबाबा पिछले साल जून महीने से जमानत पर बाहर हैं।

मिश्रा और राही को पुलिस ने 2013 में अहेरी और छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किया था। वहीं साईबाबा को 9 मई 2014 को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस के मुताबिक साईबाबा का नाम उस समय सामने आया, जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र हेमंत मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। उसने जांच एजेंसियों को बताया कि वह छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगलों में छिपे माओवादियों और प्रोफेसर के बीच 'कूरियर' का काम करता है।

पुलिस का दावा है कि मिश्रा के अलावा तीन अन्य गिरफ्तार माओवादियों कोबाड गांधी, बच्चा प्रसाद सिंह और प्रशांत राही ने भी दिल्ली में अपने संपर्क के रूप में साईबाबा का नाम लिया था।

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