logo-image

COVID-19: कितनी कारगर है कोरोना की बूस्टर डोज? इजरायली स्टडी में हुआ खुलासा

Covid-19 Booster Shot: इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने अध्ययन में कहा कि समय के साथ बुजुर्ग लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, ऐसा नौजवानों में भी देखने को मिला है.

Updated on: 23 Aug 2021, 11:13 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. ताजा रिसर्च में सामने आया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगने से मौत का खतरा काफी कम हो जाता है. वहीं कुछ देशों ने वैक्सीन की बूस्टर डोज भी देनी शुरू कर दी है. अमेरिका और अन्य देशों ने कोरोना के बहुत ज्यादा संक्रामक डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) के चलते अपने लोगों को वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का फैसला किया है. इजरायल में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि फाइजर की वैक्सीन के बूस्टर डोज (Booster Shot) से इम्युनिटी को मजबूत बनाने और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में संक्रमण के चलते गंभीर बीमारी को टालने में अच्छी खासी मदद मिली है.

बूस्टर डोज कितनी कारगर?
इजरायल ने सबसे पहले अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का फैसला लिया. इसके बाद अब अमेरिका की बाइडन सरकार ने भी सभी अमेरिकी नागरिकों के लिए बूस्टर शॉट का ऐलान किया है. अमेरिका के अलावा कनाडा, फ्रांस और जर्मनी ने भी अपने लोगों को बूस्टर शॉट देने की घोषणा की है. हाल ही में इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता पिछली दो डोज के मुकाबले 4 गुना ज्यादा पाई गई है. साथ ही तीसरे डोज के 10 दिन बाद गंभीर बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति को देखते हुए 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में पांच से 6 गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता पाई गई है. 

यह भी पढ़ेंः जम्मू के अरनिया सेक्टर में फिर दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, BSF ने की फायरिंग

डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ाई में बूस्टर डोज प्रभावी
इजरायल में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ मकाबी हेल्थ सर्विसेज काम में लगी है. इस संस्था ने भी पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट में ऐसा ही दावा किया था. मकाबी हेल्थ सर्विसेज के मुताबिक 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में बूस्टर शॉट के बाद संक्रमण के खतरे को 86 फीसदी तक कम करने में मदद मिली है, जबकि गंभीर इंफेक्शन के खिलाफ बूस्टर शॉट 92 फीसदी तक प्रभावी है. बता दें कि इजरायल ने 30 जुलाई 2021 से अपने लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज देनी शुरू कर दी थी. इसके साथ ही बूस्टर शॉट के लिए उम्र सीमा को 40 साल कर दिया गया है, लेकिन 40 साल से कम आयु वाली गर्भवती महिलाएं, शिक्षक और स्वास्थ्य कर्मी भी बूस्टर शॉट ले सकते हैं. वैक्सीन की तीसरी खुराक उन्हीं लोगों को दी जा रही है, जिन्होंने दूसरी खुराक पांच महीने पहले ली हो.

दूसरी तरफ इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा कि समय के साथ बुजुर्ग लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, ऐसा नौजवानों में भी देखने को मिला है. अध्ययन के मुताबिक इजरायल में टीकाकरण करवाने लोगों में गंभीर तौर पर बीमार पड़ने वालों की उम्र आमतौर पर 60 साल से ज्यादा थी और इन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियां भी थीं.