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भारत को मिला तीसरा टीका, DCGI ने रूसी वैक्सीन Sputnik V को दी मंजूरी

भारत के तीसरा वैक्सीन मिल गया है. रूस में विकसित हुई वैक्सीन स्पुतनिक-5 ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया  ने मंजूरी दे दी है. हालांकि फिलहाल इस वैक्सीन का उपयोग आपातकालिन परिस्थिति में किया जाएगा.

Updated on: 13 Apr 2021, 10:24 AM

नई दिल्ली:

भारत के तीसरा वैक्सीन मिल गया है. रूस में विकसित हुई वैक्सीन स्पुतनिक-5 ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया  ने मंजूरी दे दी है. हालांकि फिलहाल इस वैक्सीन का उपयोग आपातकालिन परिस्थिति में किया जाएगा. बता दें कि स्पुतनिक-5  को मंजूरी मिलने के बाद अब भारत के पास तीन वैक्सीन हो जाएगी. देश में अभी दो कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. कोरोना के खिलाफ स्पुतनिक वी की सफलता का प्रतिशत 91.6 फीसदी रहा है, जो कंपनी ने अपने ट्रायल के आंकड़ों को जारी करते हुए दावा किया था. रूस का RDIF हर साल भारत में 10 करोड़ से अधिक स्पुतनिक वी की डोज़ बनाने के लिए करार कर चुका है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डॉ. एन.के. अरोड़ा के मुताबिक, 'स्पुतनिक दो डोज का टीका है. पहली खुराक की संरचना दूसरी खुराक से अलग होगी और पहली खुराक और दूसरी के बीच कम से कम तीन से चार सप्ताह का अंतर होना चाहिए. प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें 91 प्रतिशत प्रभावकारिता है. इस पर कुछ और स्पष्टता भी जल्द आएगी.'

कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला पंजीकृत वैक्सीन स्पूतनिक वी सबसे जाना-पहचाना है. सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 10 में से सात (74 फीसदी) ने रूसी वैक्सीन के बारे में सुना है. स्पूतनिक वी दुनिया के दो सबसे पसंदीदा वैक्सीन है.  यह सर्वेक्षण 18 फरवरी से 3 मार्च के बीच यूगव द्वारा किया गया था जो एशिया, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप में बाजार अनुसंधान और डाटा अनालिटिक्स की यूके स्थित अग्रणी कंपनी है.

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भारत, ब्राजील, मैक्सिको, फिलीपीन्स, वियतनाम, अर्जेन्टीना, अल्जीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और सर्बिया के लोगों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया. दुनिया भर की आबादी के 25 प्रतिशत से ज्यादा या करीब 2 अरब से ऊपर लोग यहां रहते हैं.

रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के सीईओ किरिल द्मित्रिएव ने कहा कि दुनिया के भिन्न हिस्सों में युगव के सर्वेक्षण के नतीजे एक बार फिर बताते हैं कि वैक्सीन उत्पादक के रूप में लोगों को रूस और उसके स्पूतनिक वी पर काफी भरोसा है. रूसी विज्ञान की उल्लेखनीय उपलब्धि का ही असर है कि स्पूतनिक वी कई महीनों से दुनिया भर में लोगों की जान बचा रहा है और अब 50 से ज्यादा देशों में उपयोग के लिए स्वीकृत किया गया है. इस वैक्सीन के कई प्रमुख फायदे हैं और इनमें एक है, 91.6 फीसदी की कार्यकुशलता जिसकी पुष्टि अग्रणी मेडिकल जर्नल द लैनसेट ने की है.