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Omicron फरवरी में बरपाएगा कहर, आ सकते हैं रोजाना 5 लाख केस

भारत में पिछले साल डेल्टा वेरिएंट की वजह से आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में कोविड-19 संक्रमण के ज्यादा मामले देखने को मिल सकते हैं, लेकिन ओमीक्रॉन वेरिएंट कम घातक साबित होगा.

Updated on: 09 Jan 2022, 06:42 AM

highlights

  • यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के निदेशक डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे का अनुमान
  • फरवरी में अपने चरम पर होगी कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर
  • डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमीक्रॉन 90 से 95 फीसदी कम गंभीर

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट की वजह से भारत में कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में तेजी से उछाल देखा जा रहा है. दिल्ली में शनिवार को पिछले 24 घंटों के अंदर 20 हजार से अधिक, तो महाराष्ट्र में 41 हजार से ज्यादा नए केस मिले. 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ओमीक्रॉन के कुल 3,071 मामले सामने आए. इसके बीच एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने आशंका जताई है कि भारत में तीसरी लहर के साथ फरवरी में रोजाना कोविड-19 के 5 लाख मामले भी आ सकते हैं. हालांकि उनका यह भी कहना है कि ओमीक्रॉन से जुड़ी गंभीरता डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम होगी. 

डेल्टा की तुलना में कम घातक है ओमीक्रॉन
भारत को लेकर यह अनुमान यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्युएशन के निदेशक डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने लगाया है. डॉ मुर्रे ने बताया कि दुनिया के कई देश ओमीक्रॉन वेरिएंट की वजह से संक्रमण की नई लहर में प्रवेश कर गए हैं. भारत में पिछले साल डेल्टा वेरिएंट की वजह से आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में कोविड-19 संक्रमण के ज्यादा मामले देखने को मिल सकते हैं, लेकिन ओमीक्रॉन वेरिएंट कम घातक साबित होगा. उनके मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों रिकॉर्ड तेजी आएगी, लेकिन बीमारी की गंभीरता के लिहाज से यह ज्यादा प्रभावी नहीं होगी. भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के पीक के दौरान कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या रोजाना करीब 5 लाख होगी.

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देश में हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हुई
भारत में भी कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि देश में हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित हो चुकी है. ऐसे में ओमीक्रॉन वेरिएंट का प्रभाव कम है. डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने बताया कि कोरोना वैक्सीन से लोगों को पर्याप्त सुरक्षा मिली है, जिसकी वजह से लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए हैं और अस्पताल में भर्ती होने, ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत व मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है. उनके मुताबिक ओमीक्रॉन वेरिएंट 90 से 95 फीसदी कम गंभीर है फिर भी कुछ लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. इसलिए आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ सकती है. इसके विपरीत डेल्टा वेरिएंट की वजह से पिछले साल अप्रैल में हालात खराब हो गए थे. आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली, महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बंगाल में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 18,802 नए मामले सामने आए हैं.