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Corona पूरी तरह नहीं जाएगा... धीरे-धीरे फ्लू जैसा हो जाएगाः ICMR

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड-19 वायरस कुछ समय के बाद इंफ्लुएंजा की तरह एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा और इसके बाद जोखिम वाली आबादी को हर साल वैक्सीन लेनी होगी

Updated on: 10 Jul 2021, 09:32 AM

highlights

  • ICMR के विशेषज्ञों ने चेताया कोरोना बन जाएगा एंडेमिक
  • फिर फ्लू की तरह उपचार के लिए लगवाना पड़ेगा टीका
  • स्तनपान कराने वाली मां भी लगवा लें कोरोना वैक्सीन

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Corona Virus) कहर के बीच विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि कुछ समय बाद कोविड-19 संक्रमण भी इंफ्लुएंजा (Influenza) की तरह हो जाएगा. इसके साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी है कि ज्यादा जोखिम वाली आबादी को इससे बचाव के लिए हर साल कोरोना वैक्सीन लेने की जरूरत पड़ सकती है. फिलहाल देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां की जा रही है. जानकारों ने चेतावनी दी है कि अगर लोगों ने कोविड संबंधी व्यवहार का पालन नहीं किया, तो तीसरी लहर की दस्तक 6-8 हफ्तों में ही हो सकती है.

कोविड-19 इंफ्लुएंजा की तरह हो जाएगा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में डिवीजन ऑफ ऐपिडेमियोलॉजी और कम्युनिकेबल डिसीज के प्रमुख समीरन पांडा ने कहा कि कुछ समय के बाद कोविड-19 एंडेमिक स्टेज पर पहुंच सकता है. सेंटर्स फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक, किसी भौगोलिक क्षेत्र के भीतर आबादी में किसी बीमारी या संक्रामक एजेंट की मौजूदगी या प्रसार को एंडेमिक कहते हैं. उन्होंने कहा, 'जब छोटे वायरस तेजी से बढ़ते हैं, तो उनके लिए म्यूटेशन करना आम बात है. विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड-19 वायरस कुछ समय के बाद इंफ्लुएंजा की तरह एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा और इसके बाद जोखिम वाली आबादी को हर साल वैक्सीन लेनी होगी.' उन्होंने समझाया कि इंफ्लुएंजा भी 100 साल पहले पेंडेमिक यानि महामारी थे, लेकिन आज ये एंडेमिक हैं.

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स्तनपान कराने वाली मां लगवाएं कोरोना वैक्सीन
उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के मामले में भी हमें उम्मीद है कि यह धीरे-धीरे अपनी मौजूदा महामारी वाली स्थिति से बदलकर एंडेमिक बन जाएगा. फिलहाल बुजुर्गों को फ्लू के सालाना टीके लगवाने की सलाह दी जाती है.' उन्होंने बताया, 'जैसे इंफ्लुएंजा वायरस म्यूटेट करता रहता है, वैसे हम वैक्सीन में मामूली बदलाव करते रहते हैं. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. उपलब्ध वैक्सीन कोविड-19 के नए वेरिएंट्स के खिलाफ काफी प्रभावी हैं.' पांडा ने समझाया कि वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचाती, लेकिन बीमारी को गंभीर नहीं होने देती. उन्होंने कहा कि आीसीएमआर में हुए प्रयोगों में यह साबित हुआ है कि फिलहाल भारत में मौजूद टीके नए वेरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी हैं. यह अलग बात है कि विभिन्न स्ट्रेन्स पर इनकी प्रभावकारिता में अंतर आ सकता है. इस दौरान उन्होंने स्तनपान कराने वाली मांओं को वैक्सीन लेने की सलाह दी है. पांडा ने कहा कि टीके के बाद मां में विकसित हुईं एंटीबॉडीज स्तनपान के दौरान बच्चे तक पहुंचती हैं. साथ ही ये बच्चे के लिए काफी मददगार हो सकती हैं.