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नए प्रयोग की ओर कांग्रेस, कन्हैया-जिग्नेश युवाओं को जोड़ने की रणनीति पर करेंगे काम

कांग्रेस अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. हाल के सभी चुनावों में कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन से पार्टी भी अब नए प्रयोग के लिए नई रणनीति बनाने में जुटी हुई है.

Updated on: 28 Sep 2021, 07:10 AM

highlights

  • वर्ष 2007, 2014 और 2019 में कर चुकी है प्रयोग
  • आंदोलन से निकले युवाओं नेताओं को जोड़ने पर काम कर रही है
  • नई रणनीति के तहत आगे भी युवाओं नेताओं को जोड़ेगी पार्टी

 

नई दिल्ली:

कांग्रेस अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. हाल के सभी चुनावों में कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन से पार्टी भी अब नए प्रयोग के लिए नई रणनीति बनाने में जुटी हुई है. इसकी के तहत 28 सितंबर को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात से विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को पार्टी में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस आगामी चुनाव में अपनी जीत की संभावनाएं तलाशने की कोशिश में जुट गई है. पार्टी की भी यह कोशिश है कि संगठन में अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाए. कांग्रेस को एक नई ताकत देने के लिए पार्टी के आलाकमान भी फिलहाल इसी प्रयोग के तहत काम में जुट गए हैं.  

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फिलहाल कांग्रेस का भी यह लक्ष्य है कि आंदोलन से निकले युवाओं पर पार्टी फोकस करे और अधिक से अधिक युवा नेताओं में संगठन में जोड़कर एक नई रणनीति पर काम किया जाए. इसी के सहारे वह आगामी चुनाव में जीत का परचम भी लहराना चाहती है. कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी पार्टी की पूरे देश में युवाओं को साथ जोड़ने की योजना का हिस्सा हैं. नई रणनीति के तहत कांग्रेस हर राज्य में युवाओं में साथ जोड़ने के लिए महाभियान चलाने की तैयारी कर रही है. ऐसा पहली बार नहीं है, जब कांग्रेस ने सियासत में नए प्रयोग करने की कोशिश की है. पूर्व में कई चुनावों में मिली हार के बाद पार्टी कई प्रयोग कर चुकी है. हालांकि प्रयोग करने के बाद भी पार्टी को उत्साहजनक परिणाम नहीं मिले थे.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 2007 में पार्टी महासचिव के तौर पर यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई में आंतरिक चुनाव की शुरुआत की थी. इसका लक्ष्य संगठन में जमीनी युवा कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने का मौका देना था. यह एक अच्छा प्रयास था पर प्रदेशों में वरिष्ठ नेताओं के परिवारों से ताल्लुक रखने वाले युवा धनबल के जरिए खुद चुनाव जीतकर पदाधिकारी बन गए. इसके बाद पार्टी ने 2014 के चुनाव में एक और प्रयोग किया. अमेरिका की तर्ज पर 16 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार तय करने के लिए अंदरुनी लोकतंत्र की प्रक्रिया अपनाई गई. इसमें उम्मीदवार के चयन के लिए उस क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारी और नेताओं की राय ली जानी थी. पर कई सीट पर टिकट के दावेदारों के विरोध के बाद इस प्रयोग को बंद कर दिया गया. वहीं वर्ष 2019 में एक नए प्रयोग करने की कोशिश की गई. कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करने के लिए डेटा का इस्तेमाल किया था. इसमें पार्टी के शक्ति ऐप ने भी अहम भूमिका निभाई थी. पार्टी ने 300 सीट पर डेटा के विश्लेषण के आधार पर उम्मीदवार तय करने का प्रयास किया, हालांकि यह कोशिश सफल नहीं हो पाई थी. 
 
कन्हैया और जिग्नेश की भूमिका फिलहाल साफ नहीं
कांग्रेस ने अपने नए प्रयोग के तहत इन दोनों युवा नेता कन्हैया और जिग्नेश को पार्टी में शामिल कराने की अपनी पूरी तैयारी जरूर कर ली है, लेकिन इन दोनों की भूमिका फिलहाल क्या होगी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है. हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों युवा नेता देश भर में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलनों की मुहिम चला सकते हैं.