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प्रियंका गांधी से घर खाली कराने को कांग्रेस बनाएगी बड़ा मुद्दा, लखनऊ शिफ्ट हो सकती हैं कांग्रेसी नेत्री

सियासत को और धार देने के लिए प्रियंका गांधी ने तय समय-सीमा के भीतर घर खाली करने का निर्णय कर लिया है. इसके साथ ही अटकलें भी लग रही हैं कि वह लखनऊ में शिफ्ट हो सकती हैं.

Updated on: 02 Jul 2020, 06:42 AM

highlights

  • प्रियंका गांधी से लौधी एस्टेट घर खाली कराने के मसले को धार देगी कांग्रेस.
  • कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दे मोदी-योगी सरकार की बौखलाहट बताया.
  • इस बीच प्रियंका केंद्र को घेरने के लिए तय समय पर घर खाली कर देंगी.

नई दिल्ली:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास खाली कराने के केंद्र सरकार के नोटिस पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस समेत समग्र विपक्ष ने एक तरफ जहां इसे मोदी (PM Narendra Modi) और योगी (Yogi Adityanath) सरकार की बौखलाहट बता रही है, वहीं सरकार साफ-साफ कह रही है कि प्रियंका गांधी सरकारी आवास की पात्र नहीं है. इस बीच इस सियासत को और धार देने के लिए प्रियंका गांधी ने तय समय-सीमा के भीतर घर खाली करने का निर्णय कर लिया है. इसके साथ ही अटकलें भी लग रही हैं कि वह लखनऊ में शिफ्ट हो सकती हैं.

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तय समय पर खाली कर देंगी घर
सरकार की तरफ से आवास खाली करने का बुधवार को एक नोटिस भेजे जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी सूत्रों ने कहा है कि वह निर्धारित समय के भीतर आवास खाली कर देंगी. सूत्रों ने कहा, 'सरकार ने पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) कवर वापस ले लिया था, जो कि सुरक्षा खतरे के कारण जरूरी था, क्योंकि उनके पिता और उनकी दादी (दोनों प्रधानमंत्री) की हत्या कर दी गई थी.' एक सूत्र ने कहा कि (नरेंद्र) मोदी और योगी (आदित्यनाथ) दोनों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और इंदिरा गांधी को भी इन स्थितियों से गुजरना पड़ा था.

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सरकार ने कहा पात्र नहीं हैं प्रियंका
इधर सरकार का कहना है कि प्रियंका गांधी सरकारी आवास पाने की हकदार नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस इसे एक बदले के रूप में देखती है, क्योंकि प्रियंका गांधी ने सरकार से लोहा लेना शुरू कर दिया है. सरकार ने बुधवार को प्रियंका से कहा कि वह 35 लोधी एस्टेट सरकारी आवास को एक महीने के अंदर खाली कर दें, क्योंकि वह अब एसपीजी की सूची में नहीं हैं. सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि गृह मंत्रालय ने 30 जून के अपने पत्र में सूचित किया है कि प्रियंका गांधी को सीआरपीएफ कवर के साथ 'जेड प्लस' सुरक्षा अखिल भारतीय स्तर पर मुहैया कराई गई है, जिसमें सरकारी आवास के आवंटन या उसे बरकरार रखने का कोई प्रावधान नहीं है.

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कांग्रेस बनाएगी राजनीतिक मुद्दा
इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजे जाने पर तीखी प्रक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य जितिन प्रसाद ने कहा, 'मैं सरकार की इन कार्रवाइयों के समय के बारे में नहीं समझ पा रहा हूं, हालांकि प्रियंका गांधी उप्र के लोगों के लिए काम करने और उनकी लड़ाई लड़ने के मिशन पर हैं और वह इन ध्यान भटकाने वाली हरकतों की चिंता नहीं करने वाली हैं.' कांग्रेस के एक अन्य नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि यह गलत है और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री आई.के. गुजराल का उद्धरण दिया, जिन्होंने कहा था कि शासक को बड़े दिल का होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'जमीन चीनियों से खाली करानी थी, लेकिन सरकार ने दिल्ली में एक घर खाली कराने को चुना है.'

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कांग्रेसी नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने कहा कि यह राजनीति का एक नया निचला स्तर है और मोदी सरकार ने एक 'शहीद की बेटी' का अपमान किया है. कांग्रेस नेता नसीब पठान ने मांग की कि नवनियुक्त राज्यसभा सदस्य के.सी. वेणुगोपाल इस्तीफा दें और प्रियंका गांधी को राज्यसभा भेजा जाए. एआईसीसी के सचिव धीरज गुर्जर ने कहा, 'जो लोग चीनियों को खाली नहीं करा सके, वे प्रियंका गांधी से आवास खाली करा रहे हैं. याद कीजिए इंदिरा गांधी को भी इसी तरह खाली कराया गया था, लेकिन जो लोग इसके लिए जिम्मेदार थे, उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.'