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चीन को उसके दुस्साहस का जवाब देना चाहिए, राष्ट्र न्याय मांग रहा है: कांग्रेस

लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रही है. वो 20 भारतीय जवानों की शहादत को लेकर मोदी सरकार से सवाल कर रही है और चीन को जवाब देने की मांग कर रही है.

Updated on: 22 Jun 2020, 04:27 PM

नई दिल्ली:

लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प (Galwan valley clash) को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रही है. वो 20 भारतीय जवानों की शहादत को लेकर मोदी सरकार से सवाल कर रही है और चीन को जवाब देने की मांग कर रही है. हालांकि बीजेपी भी लगातार कांग्रेस के वार का पलटवार करने से चूक नहीं रही है.

कांग्रेस ने सोमवार को फिर से सरकार को घेरे में लेते हुए कहा, 'चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में घुसपैठ कर हमारे 20 सैनिकों को शहीद कर जाते हैं. चीन हमारे क्षेत्र में निर्माण कर लेता है और चीन हमारी गलवान घाटी पर उनके कब्जे का दावा कर रहा है. चीन को उसके दुस्साहस का जवाब देना चाहिए. राष्ट्र न्याय मांग रहा है.

 चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए

वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान को लेकर सोमवार को कहा कि मोदी को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामरिक हितों पर पड़ने वाले अपने शब्दों के प्रभाव को लेकर बहुत ज्यादा सावधान रहना चाहिए. सिंह ने यह भी कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति एवं मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता तथा यह सुनिश्चित होना चाहिए कि 20 भारतीय जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो ‘यह जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.’

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पीएम मोदी ने कही थी ये बात 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संघर्ष के विषय पर गत शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न कोई हमारे क्षेत्र में घुसा और न ही किसी ने हमारी चौकी पर कब्जा किया है. उनके इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को कहा था कि सर्वदलीय बैठक में मोदी की टिप्पणियों की कुछ हलकों में ‘‘शरारतपूर्ण व्याख्या’’ की कोशिश की जा रही है.

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शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए

पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘15-16 जून, 2020 को गलवान घाटी में भारत के 20 बहादुर जवानों ने वीरता के साथ अपना कर्तव्य निभाते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. इस सर्वोच्च बलिदान के लिए हम इन साहसी सैनिकों एवं उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञ हैं. लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए.