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Jairam Ramesh( Photo Credit : Social Media)
भर्तृहरि महताब लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए हैं. लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. कांग्रेस ने इस नियुक्ति पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद का कार्यकाल सबसे अधिक है, उसे यह पद दिया जाता है. इस हिसाब से कांग्रेस के कोडिकुुन्निल सुरेश और भाजपा के वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ हैं. दोनों नेता अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुझे उम्मीद थी कि सुरेश लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर बनेंगे लेकिन सात बार के सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया.
इन्हें किया गया प्रोटेम स्पीकर के सहायक के रूप में नियुक्त
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट कर बताया कि, इनके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुरेश कोडिकुन्निल, टीआर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को प्रोटेम स्पीकर के सहायक के रूप में नियुक्त किया है. इनकी नियुक्ति आर्टिकल 99 के तहत की गई है. जिससे 18वीं लोकसभा के सभी सांसदों के शपथ ग्रहण को पूरा किया जा सके.
जानें कौन हैं सांसद भर्तृहरि महताब
बता दें कि प्रोटेम स्पीकर बने भर्तृहरि महताब ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से सांसद हैं वह इस सीट से लगातार सात बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. वह पहले बीजू जनता दल में थे लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पार्टी की स्थाई सदस्यता से इस्तीफा दिया. उसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने इस बार भी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की.
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क्यों होती है प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति?
दरअसल, प्रोटेम स्पीकर संसद का अस्थाई अध्यक्ष होता है. जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति उस स्थिति में करता है जब संसद संसद के नियमित स्पीकर का चुनाव न हुआ हो. इसीलिए प्रोटेम स्पीकर का काम संसद के निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाना है. इसके अलावा प्रोटेम स्पीकर नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया का भी संचालन करता है. जैसे ही संसद के नए स्पीकर की नियुक्ति होती है वैसे ही प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारियां समाप्त हो जाती हैं.
Source : News Nation Bureau