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कोरोना वायरस (Corona Virus) के बढ़ते प्रभाव और अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) को घेरा

कोरोना वायरस संक्रमण के रविवार को एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने के बीच कांग्रेस ने सरकार से जानना चाहा कि इस जानलेवा महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उसके पास क्या रणनीति है.

Updated on: 01 Jun 2020, 10:37 AM

दिल्ली:

कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के रविवार को एक दिन में सर्वाधिक मामले सामने के बीच कांग्रेस ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) से जानना चाहा कि इस जानलेवा महामारी से निपटने और अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को पटरी पर लाने के लिए उसके पास क्या रणनीति है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान 667 लोग जान गंवा चुके हैं. उसने सरकार से प्रश्न किया कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार की लोगों के साथ सामाजिक दूरी इतनी बढ़ गई कि उसे यह नहीं पता कि जमीन पर क्या हो रहा है और भविष्य की इतिहास की किताबें इस सरकार को विनाश दूत बताएंगी.

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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार को कोरोना वायरस से निपटने की उसकी योजनाओं और उसके आगे की योजनाओं के बारे में देश को बताना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया,‘‘चार लॉकडाउन. आज हमने कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में सर्वाधिक 8,380 मामले देखे. संक्रमण के कुल मामले 1,82,490 पर पहुंचे. कल से पांचवां लॉकडाउन शुरू हो रहा है. सरकार की रणनीति क्या है.’’

सुरजेवाला ने कहा,‘‘क्या लॉकडाउन नाकाम रहा?क्या कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोई ब्लू प्रिंट है? आर्थिक तबाही से बाहर आने की कोई योजना है.’’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कहा ,‘‘ लॉकडाउन में इतनी ढील देने वाला भारत एकमात्र देश है, जबकि संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.’’ जयराम रमेश ने ट्वीट किया,‘‘ सही कहा गया है. काम करने के तीन तरीके होते हैं: सही तरीका, गलत तरीका और भारतीय तरीका.’’

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कांग्रेस के प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,‘‘सरकार की लोगों के साथ सामाजिक दूरी इतनी बढ़ गई कि उसे यह नहीं पता कि जमीन पर क्या हो रहा है और लोगों, खासकर गरीबों की समस्याओं को कैसे हल किया जाएगा."

प्रधानमंत्री के देशवासियों के नाम पत्र पर कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि कम से कम अब तो हमें बताइए कि साथी भारतीयों की आपकी परिभाषा क्या है. क्या यह परिभाषा 24 मार्च से पहले सटीक बैठती थी. कम से कम अब उस तरीके को बदलें, जिससे आप इस देश के भविष्य को संभाल रहे हैं."