Congress Press Conference: सोनिया गांधी की मदद के लिए गठित की जाएगी एक टीम

कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में चिट्टी को लेकर संग्राम छिड़ गया है. राहुल गांधी की टिप्पणी से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता नाखुश नजर आए. इस चिट्ठी संग्राम के बाद कांग्रेस आज यानि सोमवार की शाम साढ़े 6 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.

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Sushil Kumar
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सोनिया गांधी और राहुल गांधी( Photo Credit : फाइल फोटो)

कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में चिट्टी को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है. इसके बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा हुई. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सोनिया गांधी ही बनी रहेंगी अंतरिम अध्यक्ष. 6 महीने के अंदर कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. साथ में एक कमिटी बनाई जाएगी जब तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी सेशन ना हो जाए. राहुल गांधी ने बैठक के दौरान ये बात रखी कि सोनिया गांधी की सहायता के लिए एक टीम का गठन किया जाए. सोनिया गांधी की सेहत इन दिनों खराब चल रही है.

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संगठन की बेहतरी के लिए कुछ चिंताएं थीं

प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे. वहीं दूसरी तरफ पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने सीडब्ल्यूसी में कहा कि संगठन की बेहतरी के लिए कुछ चिंताएं थीं. उन लोगों को बताने के लिए पत्र लिखा. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास रखें. अंबिका सोनी ने CWC में कहा कि पार्टी के नेतृत्व में सोनिया गांधी को लिखने वालों के खिलाफ पार्टी संविधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है. वहीं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा कि वे चिंताओं को बढ़ाने की सीमा के भीतर थे, फिर भी, अगर किसी को लगता है कि यह अनुशासन भंग है तो कार्रवाई की जा सकती है.

सीडब्लूसी के निष्कर्ष 

1. पिछले 6 महीनों में देश पर अनेकों विपत्तियां आई हैं. देश के सामने आई चुनौतियों में कोरोना महामारी प्रमुख है. जो हजारों जिंदगी ले चुकी है. तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था व आर्थिक संकट. करोड़ों रोजगारों का नुकसान एवं बढ़ती गरीबी तथा चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ व कब्जे के दुस्साहस का संकट है.

2. इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार की हर मुद्दे पर संपूर्ण विफलता को उजागर करने व विभाजनकारी राजनीति एवं भ्रामक प्रचार-प्रसार का पर्दाफाश करने वाली सबसे ताकतवार आवाज सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है. प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर सोनिया गांधी के सटीक सवालों ने भाजपा सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की. सोनिया गांधी ने सुनिश्चित किया कि कांग्रेस-शासित राज्यों में कोरोना महामारी को प्रभावशाली तरीके से संभाला जाए तथा स्वास्थ्य सेवाएं व इलाज समाज के हर वर्ग को उपलब्ध हो सके. उनके नेतृत्व ने उच्च पदों पर बैठे लोगों को झकझोरा भी और सच्चाई का आईना भी दिखाया.

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राहुल गांधी ने भाजपा सरकार के खिलाफ जनता की लड़ाई का दृढ़ता से नेतृत्व किया. कांग्रेस के हर आम कार्यकर्ता की व्यापक राय व इच्छा को प्रतिबिंबित करते हुए, कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के हाथों व प्रयासों को हर संभव तरीके से मजबूत करने का संकल्प लेती है. सीडब्लूसी की स्पष्ट राय है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और न ही किसी को दी जाएगी. आज हर कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं नेता की जिम्मेदारी है कि वह भारत के लोकतंत्र, बहुलतावाद व विविधता पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कुत्सित हमलों का डटकर मुकाबला करें.

3. महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे इन दोनों नेताओं की बुलंद आवाज ने कांग्रेस के अंदर व बाहर, भारतीयों को देशवासियों के साथ खड़े हो भाजपा सरकार से जवाबदेही मांगने व सवाल पूछने के लिए प्रेरित किया है. जबकि सरकार जनता को अपने खोखले व स्वनिर्मित मुद्दों में उलझाकर रखना चाहती है. उनके नेतृत्व में करोड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थक बाहर निकल पड़े, ताकि मौजूदा भाजपा सरकार के अधीन शासन की भारी कमियों की भरपाई हो. जिनकी वजह से गरीब व मध्यम परिवार के लोगों को अपने अधिकारों व आजीविका से वंचित होना पड़ा.

4. सीडब्लूसी ने इसका भी संज्ञान लिया कि पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार विमर्श मीडिया के माध्यम से या सार्वजनिक पटल पर नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस कार्यसमिति ने सभी कार्यकर्ताओं व नेताओं को राय दी की पार्टी से संबंधित मुद्दे पार्टी के मंच पर ही रखे जाएं. उपयुक्त अनुशासन भी रहे और संगठन की गरिमा भी.

5. सीडब्लूसी कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत करती है कि उपरोक्त चुनौतियों के समाधान हेतु जरूरी संगठनात्मक बदलाव के कदम उठाएं. उपरोक्त विचार विमर्श एवं निष्कर्ष के प्रकाश में सीडब्लूसी एकमत से सोनिया गांधी से निवेदन करती है कि कोरोना काल में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अगले अधिवेशन के बुलाए जाने तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा के गरिमामय पद पर नेतृत्व करें.

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