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सोनिया गांधी की 'डिनर डिप्लोमेसी', विपक्ष के नेताओं को देंगी न्योता

सोनिया गांधी डिनर पर विपक्षी नेताओं को न्योता दे सकती हैं. इनमें ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है.

Updated on: 12 Aug 2021, 10:04 AM

नई दिल्ली:

संसद के हंगामेदार मानसून के खत्म होने के बाद विपक्ष को एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी खुद मैदान में उतर आईं हैं. इसके लिए सोनिया विपक्ष के कई बड़े नेताओं के संग बैठक भी करेंगी. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी डिनर पर विपक्षी नेताओं को न्योता दे सकती हैं. इनमें ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है. सूत्रों का कहना है कि भी इसकी तारीख तय नहीं है कि न्योता कम दिया जाएगा. खास बात यह है कि सोनिया गांधी की डिनर पार्टी ऐसे समय आयोजित हो रही है जब हाल ही में कपिल सिब्बल ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया था. 

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विपक्ष को एकजुट रखना बड़ी चुनौती
संसद का मौजूदा सत्र जिस तरह हंगामेदार रहा इसमें विपक्षी नेताओं की एकजुटता भी दिखी. विपक्ष किसी हद तक सरकार को घेरने में कामयाब भी दिखा. ऐसे में विपक्ष की एकजुटता को बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. इसकी कमान खुद सोनिया गांधी ने अपने हाथ में ले ली है. पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी अपने जन्मदिन पर विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया था. इसमें ऐसे कई नेता शामिल हुए थे जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर असंतोष जता चुके हैं. सोनिया गांधी की चिंता इसे लेकर भी बढ़ी हुई है. 

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लंबे समय बाद संसद पहुंचीं सोनिया
सोनिया गांधी पिछले काफी समय से संसद और सार्वजनिक कार्यक्रम से दूर थीं. मानसून सत्र में भी वह दिखाई नहीं दी थीं. हालांकि मंगलवार और बुधवार को वह संसद पहुंची. वहां वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय सभा में भी शामिल हुईं. गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को अपने घोषित समय से दो दिन पहले अचानक खत्म हो गया. कई वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब राज्यसभा स्पीकर वेंकैया नायडू ने समापन भाषण नहीं दिया और सत्र को खत्म कर देना पड़ा. कांग्रेस समेत विपक्षी दल खफा है कि आखिर क्यों संसद सत्र को तय वक्त से दो दिन पहले खत्म कर दिया गया. उनकी मांगों पर संसद में चर्चा नहीं कराई गई. अब वो संसद के बाहर सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सांसदों की बैठक बुलाई है.