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केरल में कांग्रेस-लेफ्ट साथ लेकिन बागी हुए शशि थरूर, जानें क्या है पूरा मामला

केरल के त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को लीज पर दिए जाने के फैसले के खिलाफ ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई. बैठक में कांग्रेस नेतृत्व वाले UDF और लेफ्ट के LDF के नेता शामिल हुए लेकिन सांसद शशि थरूर ने केंद्र के फैसले का समर्थन कर बैठक से दूरी बना ली.

Updated on: 21 Aug 2020, 12:51 PM

तिरुवनंतपुरम:

केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट और कांग्रेस (Congress) पार्टी तमाम राजनीतिक विरोधों को किनारे करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modi) के त्रिवेंद्रम इंटरनैशनल एयरपोर्ट (Trivandrum International Airport) को निजी हाथों में सौंपे जाने के फैसले के खिलाफ खड़ी हो गई हैं. हालांकि कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) अपने ही संगठन के प्रति बगावती तेवर दिखा दिए हैं. वह न सिर्फ सठबंधन की बैठक से नदारद रहे बल्कि उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले पर भी सहमति जता दी.  

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त्रिवेंद्रम इंटरनैशनल एयरपोर्ट के मामले में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और लेफ्ट के एलडीएफ नेता शामिल हुए. शशि थरूर इस बैठक में नहीं पहुंचे. हैरानी इस बात पर हुई कि उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन भी किया.  

शशि थरूर ने ट्विट कर कहा, 'तिरुवनंतपुरम के इतिहास, यहां की क्षमता और स्टेटस को देखते हुए स्थानीय लोग फर्स्ट क्लास एयरपोर्ट के हकदार हैं. इस संबंध में में फैसला लेने में देरी हुई.' साथ ही थरूर ने यह भी कहा कि वह ऐसे नेता नहीं हैं जो वोटर्स से कुछ और कहें, फिर राजनीतिक सुविधा के हिसाब से कुछ और बात करें.

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गौरतलब है कि बुधावर को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में 3 एयरपोर्ट्स को 50 सालों के लिए निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है. इनमें जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला लिया गया है. केंद्र के इसी फैसले का केरल सरकार विरोध कर रही है.